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मध्‍य प्रदेश के छह लाख किसानों की पीएम किसान सम्मान निधि में ई-केवाईसी लंबित, नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ

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 भोपाल
 भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई योजनाओं का लाभ अन्नदाताओं को तब तक नहीं मिलेगा, जब तक वह अपने बैंक खाते की ई-केवाइसी नहीं करवा लेते हैं। यही कारण है कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता से अब भी प्रदेश के कई किसान वंचित रह जाते हैं। दरअसल, प्रदेश में लगभग छह लाख 34 हजार 186 किसानों की ई-केवाइसी लंबित है।

किसानों की ई-केवाईसी करने का लक्ष्य

यह वे किसान हैं जिनको पीएम किसान सम्मान निधि के तहत पंजीकृत किया गया है। अब इन किसानों की ई-केवाईसी करने का लक्ष्य तय किया गया है। मध्‍य प्रदेश में शुरू हुए राजस्व महा अभियान के तहत इस लंबित आंकड़े को खत्म करने का प्रयास सभी जिलों के राजस्व अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। बता दें, मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने 15 जुलाई से प्रदेश में राजस्व महा अभियान-दो की शुरुआत की है, जिसके तहत सभी तरह के लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण जिला कलेक्टरों द्वारा कराया जाना है।

मध्‍य प्रदेश में हैं 87 लाख 13 हजार किसान

    मप्र में कुल 87 लाख 13 हजार 465 किसान पीएम किसान योजना के तहत पंजीकृत।
    जानकारी के अनुसार पंजीकृत किसानों की ई-केवाईसी की जानी है।
    इसके बाद ही इनको सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
    मप्र में चार लाख नौ हजार 812 किसानों की ई-केवाईसी लंबित है।
    दो लाख 24 हजार 383 किसानों की ई-केवाईसी एवं रजिस्ट्रेशन लंबित।
    कुल छह लाख 34 हजार 186 किसान अब भी पीएम किसान योजना से वंचित हैं।

रीवा जिले में सबसे अधिक 21 हजार प्रकरण लंबित

पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सबसे अधिक ई-केवाईसी रीवा जिले में 21 हजार 503 लंबित हैं, जबकि सबसे कम हरदा जिले में तीन हजार 483 प्रकरण लंबित हैं। इसी तरह भोपाल में सात हजार 364 किसानों की ई-केवाईसी किया जाना बाकी है। वहीं ग्वालियर में 13 हजार, इंदौर में 13 हजार, जबलपुर में 14 हजार मामले लंबित हैं।

इन जिलों में सबसे अधिक ई-केवाईसी लंबित

जिला
    लंबित ई-केवाईसी

रीवा
    21503
छतरपुर     19584
मुरैना     19261
शिवपुरी     18818

सतना
    18741
भिंड     17527
सिवनी     17430
बैतूल     17068
छिंदवाड़ा     17054
बालाघट     16486
कटनी     16346