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राजस्थान-चित्तौड़गढ़ में फर्जी रजिस्ट्री गिरोह का पर्दाफाश, मुख्य आरोपी समेत चार गिरफ्तार व तीन की तलाश

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चित्तौड़गढ़.

निम्बाहेड़ा में कृषि भूमि के डमी मालिक खड़े कर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने मामले में मुख्य सरगना सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी फर्जी तरीके से जमीन के मालिक के स्थान पर डमी मालिक को खड़ा कर जमीन का बेचान कर फर्जी रजिस्ट्री कराते हैं। मामले में दो महिलाओं सहित तीन आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है।

पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि सगवाड़िया निवासी भैरुलाल रावत ने थाना कोतवाली निम्बाहेड़ा पर रिपोर्ट देकर बताया कि उसकी, उसके भाई रूपलाल, बहन चन्दाबाई व माता लालीबाई की सगवाड़िया में शामिल खातेदारी कृषि भूमि है। इसमें सभी का समान हिस्सा निहित है। उक्त सभी के हक हिस्से की जमीन में से रूपलाल एवं चन्दाबाई के हिस्से की भूमि को 1 मई 2024 को अज्ञात आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर बहादुरसिंह पुत्र मोहनलाल रावत, निवासी सतखंडा को बेचकर रजिस्ट्री करवा दी। वहीं भैरूलाल एवं लालीबाई के हिस्से की जमीन को भी 9 मई को फर्जी दस्तावेज बनाकर बहादुरसिंह पुत्र मोहनलाल रावत निवासी सतखंडा को बेच दिया, जबकि प्रार्थी ने जमीन को कभी विक्रय नहीं किया था। इसके बाद बहादुसिंह रावत ने इस जमीन को ऋषिराज सिंह पुत्र मनोहरसिंह राजपूत, निवासी घटीयावली जिला अजमेर के नाम पर रजिस्ट्री करा दी। भैरूलाल ने केसीसी का ऋण लेने के लिए खाते की नकल निकाली तब इस षड्यंत्र की जानकारी हुई।

प्रार्थी की रिपोर्ट पर पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया और आरोपियों की जानकारी निकाली। मामले में कोतवाली निम्बाहेड़ा थाना पुलिस ने आरोपित राजेन्द्र सिंह नायक को 2 जुलाई को ही गिरफ्तार कर लिया था, वहीं अब आरोपित लाखन नायक, रामलाल नायक, गणेशलाल रेगर व नानूसिंह रावत को गिरफ्तार किया गया है, जो कि चित्तौड़गढ़ जिले के रहने वाले हैं। गिरफ्तार आरोपितों में नानूसिंह रावत इनका सरगना होकर कोतवाली निम्बाहेड़ा के इसी प्रकार के फर्जी रजिस्ट्री के अन्य मामले में वांछित था, वहीं अब इस मामले में पुलिस को महेन्द्र नायक, मांगीबाई कंजर, अणछी बाई की तलाश है।