मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि एक फिल्म फ्लॉप होने से सितारों का जमाना नहीं जाता है। वर्ष 2018 में खान त्रिमूर्ति शाहरुख खान , सलमान खान और आमिर खान की फिल्में जीरो, रेस और ठग्स आॅफ हिंदोस्तान बॉक्स आॅफिस पर अपेक्षित कारोबार नहीं कर सकी। क्रिटिक्स ने भी फिल्म को बकवास बताया। वहीं कम बजट में बनी कई फिल्मों ने जमकर कमाई की, इसमें राजकुमार राव की स्त्री और आयुष्मान खुराना की अंधाधुन जैसी फिल्में शामिल है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन तीनों बड़े एक्टर्स का समय जा चुका है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि ऐसा नहीं है कि एक फिल्म फ्लॉप हो गई तो बड़े सितारों का जमाना जा चुका है। उन्होंने कहा फिल्म के असफल होने पर अभिनेता को दोष देना सही नहीं है। नवाज ने कहाए सिनेमा में बदलाव का दौर बहुत पहले ही आ चुका है। इसका क्रेडिट शेखर कपूर, अनुराग कश्यप और राम गोपाल वर्मा जैसे फिल्म निमार्ताओं को जाता है। इन दिनों कुछ एक्टर्स कह रहे हैं कि उन्होंने सिनेमा में यह बदलाव लाया है, लेकिन सही नहीं है जब कभी भी फिल्म इंडस्ट्री में परिवर्तन आया है तो उसकी वजह सिर्फ फिल्ममेकर्स ही होते हैं। नवाज ने कहा एक्टर्स स्माल टाउन में शूटिंग कर रहे हैं यह कोई नई बात नहीं है। इसे पहले भी देव डी जैसी फिल्मों में दिखाया जा चुका है। आप ऐसा क्यों कह रहे है कि सिनेमा बदल रहा है। कंटेंट पर चलने वाली सिनेमा आकार ले रही है। मुझे लगता है कि जिस परिवर्तन को आप देख रहे हैं वह अभी-अभी नहीं हुआ है। कंटेंट आधारित सिनेमा की परिभाषा में वह सब कुछ शामिल होता है जिसे मिलाकर मसाला एंटरटेनर फिल्म बनती है। आपको एक फिल्म में 4-5 गाने शामिल करने की जरूरत है। थोड़ा सा फन और ह्यूमर भी रखना चाहें विषय कुछ भी हो। मुझे लगता है कि हार्डकोर सिनेमा की लोगों तक पहुंच निश्चित होती है। अभी सिनेमा में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है लेकिन यह निश्चित रूप से जरूर होगा।