दरभंगा.
दरभंगा के घनश्यामपुर थाना क्षेत्र में पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या के मामले में पुलिस का स्पष्ट मानना था कि चोरी का विरोध करने पर यह हत्या हुई है। लेकिन, अब एक नया एंगल सामने आ गया है। चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। यह चार सीसीटीवी फुटेज में दूर से जीतन साहनी के घर में घुसते देखे गए थे। इनमें से दो ने जीतन सहनी से सूद पर पैसा लिया था और एक की बाइक उनके पास बंधक थी।
बताया जाता है ब्याज पर पैसे की लेनदेन के मामले को लेकर दो दिन पहले से विवाद चल रहा था। विवाद बढ़ने पर जीतन सहनी हिरासत में लिए गए एक युवक के बाइक को रख ली थी। उसे पैसे लेकर आने पर बाइक ले जाने की बात कही थी। रविवार रात जीतन सहनी के घर के पास लगे सीसीटीवी से प्राप्त फुटेज में यह देखा गया कि रात 10.30 से 11:00 बजे के बीच चार लोगों ने घर के अंदर प्रवेश किया और कुछ देर घर के अंदर रहने के बाद बाहर निकल गए। इन्हीं चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
दो लोगों ने जीतन सहनी से उधार पर लिया था पैसा
हिरासत में लिए गए चारों के मोबाइल डिटेल और पूर्व की हिस्ट्री जीतन सहनी के साथ लेनदेन की जांच के विषय में जानकारी ली जा रही है। वहीं देर रात्रि में मृत के घर मे जाने का कारण आदि बिंदुओ पर इन लोगों से पूछताछ के साथ-साथ अन्य लोगों से भी इन लोगों के बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है। पुलिसिया जांच में अभी तक की जांच में यह पाया गया है कि इनमें दो लोगों ने जीतन सहनी से ब्याज पर पैसा उधार में लिया था। इनमें से एक संदिग्ध ने अपनी मोटरसाइकिल भी जीतन सहनी के पास लोन की सिक्योरिटी के रूप में रखी हुई थी। इसे छुड़ाने की बात करने यह लोग रात में गए थे। इनमें दो लोगों के साथ जीतन सहनी की दो दिन पहले कहा सुनी भी हुई थी। इसके बाद ही दोनों संदिग्ध को सबक सिखाने की धमकी दी थी।
मुकेश सहनी बोले- हमारी आत्मा रो रही है
बता दें कि मंगलवार देर रात वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने नम आंखों से उन्हें मुखाग्नि दी।। अंतिम संस्कार से पहले वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने अपने पिता की हत्या को लेकर एक मार्मिक पोस्ट सोशल मीडिया पर लिखा। कहा कि मेरे पिता जी की बेरहमी से अपराधियों ने हत्या कर दी है। पिताजी को इतनी क्रूरता से मारा गया कि शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उनका खून हमारे घर की दीवारों पर लगा हुआ है। यह घटना हमारे पूरे परिवार के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और असहनीय है। हमारी आत्मा रो रही है। निषाद समाज के लिए यह दिन 'काला दिवस' के रूप में जाना जाएगा, लेकिन यह हमें डरा नहीं सकता। हम बिहार सरकार से आग्रह करते हैं कि वह जल्द से जल्द इस घटना की जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का काम करें।