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सुप्रीमो शरद पवार ने लगाई भतीजे की पार्टी में बड़ी सेंध… अजित पवार गुट के 4

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मुंबई
 विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में चाचा शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार को बड़ा झटका देने वाले हैं। अजित पवार की एनसीपी के चार बड़े नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। संभावना जताई जा रही है कि एनसीपी छोड़ने वाले पिंपरी-चिंचवाड़ के चार नेता अजित गवाहाने, प्रमुख यश साने, राहुल भोसले और पंकज भालेकर ने जल्द ही शरद पवार के खेमे में शामिल हो सकते हैं। अजित हवाहाने पिंपरी चिंचवाड़ के पार्टी प्रमुख पद पर रहे, जबकि यश साने स्टूडेंट विंग संभाल रहे थे। राहुल भोसले और पंकज भालेकर पूर्व पार्षद रहे हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी में असंतोष भोसारी विधानसभा सीट को लेकर है। यह सीट महायुति गठबंधन में एनसीपी के हाथ से फिसलने की खबर है।

छगन भुजबल ने की थी शरद पवार से मुलाकात
दो दिन पहले एनसीपी (अजित गुट) के नेता छगन भुजबल ने शरद पवार से मुलाकात की थी। तब उन्होंने बताया था कि उन्होंने शरद पवार से मराठा आरक्षण पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात में छगन भुजबल ने बगावत करने वालों की घरवापसी पर चर्चा की। उन्होंने शरद पवार को ऐसे लोगों को वापस पार्टी में शामिल करने की वकालत की, जिन्होंने पवार फैमिली की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाया था। विधानसभा चुनाव से पहले कई विधायक और नेता अजित पवार को झटका दे सकते हैं। माना जा रहा है कि महायुति में अजित पवार ज्यादा विधानसभा सीट हासिल करने में कामयाब नहीं हुए, इसलिए चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता अब शरद पवार के खेमे में वापस लौटना चाहते हैं।

भुजबल के बाद अजित की पत्नी मिलीं शरद पवार सेअजित पवार की एनसीपी में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट नजर आ रही है। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा शरद पवार के घर पहुंचीं। शरद पवार घर पर ही मौजूद थे। सुनेत्रा करीब एक घंटे तक यहां रहीं। पुणे स्थित 'मोदी बाग' पवार परिवार का निवास स्थान है। सोमवार को कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने मुंबई में शरद पवार के घर पर उनसे मुलाकात की थी। इसके दूसरी ही दिन मंगलवार को सुनेत्रा पवार का पुणे में शरद पवार के घर जाना और वहां एक घंटे से ज्यादा समय रहना बताता है कि पार्टी में कुछ तो सियासी उठा-पटक चल रही है। एक ही स्थान पर सुनेत्रा और शरद पवार की मौजूदगी ने महाराष्ट्र की राजनीति को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस साल अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है। इसकी वजह अजित पवार गुट के नेताओं की शरद पवार के साथ बार-बार हो रही मुलाकातें हैं।