बांग्लादेश
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। लोग सरकारी नौकरियों में दिए जाने वाले कोटा के सिस्टम से नाराज़ हैं। पुलिस का बताया है कि बांग्लादेश की सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति वफ़ादार लोगों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में कम से कम 100 लोग घायल हो गए हैं। यह आरोप है कि मौजूदा कोटा सिस्टम से सरकार के करीबियों को ही फायदा पहुंचता है और इसे तुरंत खत्म करने की मांग की गई है। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सैकड़ों प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी का समर्थन करने वाले छात्रों ने सोमवार को ढाका विश्वविद्यालय परिसर में घंटों तक झड़प होती रही। इस दौरान लोगों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके, लाठियां चलाई और लोहे की छड़ों से एक-दूसरे को पीटा भी।
रिपोर्ट में घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि कुछ लोगों के पास कुल्हाड़ी थी जबकि कुछ ने पेट्रोल बम भी फेंके। पुलिस अधिकारी मुस्तजीरुर रहमान ने एएफपी को बताया, "वे लाठियों से भिड़ गए और एक-दूसरे पर पत्थर फेंके।" इन प्रदर्शनों को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करने वाले नाहिद इस्लाम ने कहा कि वह लोग शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस निकाल रहे थे, लेकिन उन पर लोगों ने डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया। उन्होंने कहा, "उन्होंने हमारी महिला प्रदर्शनकारियों को पीटा। 30 महिलाओं सहित कम से कम 150 छात्र घायल हो गए और 20 छात्रों की हालत गंभीर है।" एक घायल छात्रा शाहीनूर शुमी ने कहा कि हम हैरान थे। उन्होंने कहा, "हम अपना जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकाल रहे थे। अचानक, स्टूडेंट लीग [सत्तारूढ़ पार्टी की छात्र शाखा] ने हम पर लाठी, कुल्हाड़ी, लोहे की छड़ और ईंटों से हमला कर दिया।"
शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों की तुलना रजाकार से की
वहीं सरकार इस मामले पर अपना रुख साफ कर चुकी है। विदेश मंत्री हसन महमूद ने कहा है कि युवाओं की भावनाओं का इस्तेमाल करके कोटा विरोधी आंदोलन को देश विरोधी आंदोलन में बदलने की कोशिश की जा रही है। वहीं प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि कोटा शीर्ष अदालत का मामला है। हसीना ने कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों की तुलना रजाकार लड़ाकों से की है जिन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी सेना का साथ दिया था। इसके बाद प्रदर्शन और उग्र हो गए हैं। खबरों के मुताबिक बांग्लादेश में हजारों छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन रविवार रात को शुरू हुआ था। यह सोमवार को भी जारी रहा। छात्रों ने रविवार रात को कई विश्वविद्यालयों में मार्च किया। पुलिस ने बताया कि कई निजी विश्वविद्यालयों के सैकड़ों छात्र ढाका में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और अमेरिका के दूतावास के पास चार घंटे तक ट्रैफिक को भी रोके रखा।
क्या है कोटा प्रणाली जिसका हो रहा है विरोध
बांग्लादेश की इस कोटा प्रणाली में अच्छी तनख्वाह वाले सिविल सेवा पदों में से आधे से ज़्यादा पद यानी सैकड़ों हज़ार सरकारी नौकरिया ख़ास समूह के लोगों के लिए आरक्षित हैं। इन लोगों में देश के 1971 के पाकिस्तान से आज़ादी के युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों के बच्चे भी शामिल हैं। आलोचकों का कहना है कि यह प्रणाली सरकार का समर्थन करने वाले लोगों को ही फायदा पहुंचाती है। बांग्लादेश की शीर्ष अदालत ने पिछले हफ़्ते इस कोटा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि जब तक इस कोटा को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जाएगा तब तक वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।