प्रयागराज
प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद से सियासत छिड़ गई है। किसी ने हत्या करने वालों को सही बताया है तो कई ने ऐसा होने पर सरकार पर सवाल उठाए हैं। दरअसल, पुलिस से घिरे अतीक और अशरफ पर कड़ी सुरक्षा के बीच एक नहीं बल्कि तीन हथियार बंद शूटरों ने जाकर गोलियां बरसा दीं। तीनों ने पहली गोली से अतीक की हत्या की और फिर अशरफ पर गोलियां बरसाईं। पब्लिक एरिया में हुए इसी हत्याकांड के बाद राष्ट्रिय उलेमा परिषद ने भी नाराजगी जताई है। इससे पहले यूपी पुलिस ने अतीक के बेटे और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद को एनकाउंटर में मार गिराया था। ऐसे में राष्ट्रिय उलेमा परिषद ने एनकाउंटर कल्चर के खिलाफ होने की बात भी कही है।
एक ट्वीट में राष्ट्रिय उलेमा परिषद ने लिखा कि पुलिस कस्टडी में, कैमरे के सामने अपराधी बेखौफ पूर्व एमपी/एमएलए को गोली मार देते हैं तो क्या ये लॉ एंड ऑर्डर को चुनौती देना नहीं है? जब स्थापित न्याय व्यवस्था के विरुद्ध एनकाउंटर कल्चर की वाहवाही होगी तो ऐसे अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा। आरयूसी सालों से इस कल्चर के विरुद्ध आवाज उठा रही है।
बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल (आरयूसी) 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचे थे। इसके अलावा डॉ. मोहम्मद अयूब के नेतृत्व वाली पीस पार्टी और मौलाना आमिर रशदी की राष्ट्रीय उलमा काउंसिल (आरयूसी) ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के लिए संयुक्त जनतांत्रिक गठबंधन (यूडीए) भी लॉन्च किया था।
वहीं अतीक अहमद की हत्या की बात करें तो इस केस में तीन लोगों को नामजद किया गया है और तीनों आरोपियों को पुलिस पकड़कर पूछताछ के लिए ले गई है। साथ ही उनके हथियार और कारतूस भी बरामद कर लिए गए हैं। वहीं इन तीन के अलावा 2 अज्ञात भी इस केस में शामिल बताए जा रहे हैं।