झुंझुनू.
झुंझुनू जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा को लेकर बैठक में भाग लेने के लिए झुंझुनू आए। इस बैठक से बाहर आकर जब मीडिया कर्मियों ने सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार से बातचीत की तो वह काफी आक्रोशित नजर आए। उन्होंने कहा कि हम गरीब जनता का काम चाहते हैं। पानी नहीं है, जनता पानी के लिए त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है। डीपीआर बनाने का काम कर रहे हैं। अभी और डीपीआर बनने के बाद कौन सा पानी आ जाएगा। हालत खराब है।
जब उनसे पूछा गया कि बजट घोषणा के लिए मंत्री यहां आए हैं तो श्रवण कुमार ने कहा पहले मंत्री नहीं आते थे क्या, पहले कुत्ता बिल्ली आते थे क्या? पहले भी मंत्री आते थे। जब उनसे पूछा गया कि सूरजगढ़ को क्या मिला तो उनका कहना था कि धक्का मिला, धक्का खाकर आ गए हैं। श्रवण कुमार ने बेबाकी से अपनी शैली में कहा कि अधिकारी पैसे लेते हैं। जनता का काम नहीं करते हैं। पहले वाले भी भाजपा के बैठे थे वहां, ये कोई समीक्षा बैठक थी क्या? ये बीजेपी की मीटिंग थी या प्रभारी मंत्री की मीटिंग। यह क्या तरीका था। बता दें कि पारदर्शिता की बात कहने वाली भारतीय जनता पार्टी के मंत्री ने जिला मुख्यालय के सभी मीडिया कर्मियों को समीक्षा बैठक में से जाने के लिए कह दिया। सम्भवत: इसी बात को लेकर विधायक श्रवण कुमार का यह कहना था कि भाजपा के पहले के भी बैठे हैं। ये प्रभारी मंत्री की मीटिंग थी या भाजपा की।
बता दें कि इससे पूर्व भी जिले के प्रभारी मंत्री दौरे पर आते रहे हैं, लेकिन प्रभारी मंत्री की बैठकों में मीडिया कर्मी उपस्थित रहे हैं। जिले के प्रभारी सचिव जो स्वयं एक सीनियर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं, जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में मीडिया को अलाउ करके पारदर्शिता का बड़ा संदेश दे सकते हैं। ऐसे में पारदर्शिता की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी के मंत्री की शैली को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं चल पड़ी हैं।