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अब ऊंचे इलाकों में तैनात रहेगी भारतीय सेना, आतंकियों पर रखेगी पैनी नजर

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जम्मू
कई बार देखने में आया है कि आतंकी किसी ऊंची पहाड़ी पर बैठ जाते हैं और वहीं से फायरिंग करते हैं। इससे भारतीय सेना को उन्हे ध्वस्त करने में काफी कठिनाई होती है। इससे निजात पाने के लिए अब सेना ऊंचे पहाड़ों पर तैनात रहेगी और वहीं से गतिविधियों पर पैनी नजर रखेगी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में हालिया वृद्धि के लिए केवल पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने अवैध गतिविधियों को भी इसके लिए लिए जिम्मेदार ठहराया। जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार एक नई रणनीति लागू कर रही है, जिसमें कठुआ में एक हफ्ते के भीतर शांति बहाल करने के लिए ऊंचे इलाकों में सेना की तैनाती शामिल है।

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कठुआ में पत्रकारों से कहा, पाकिस्तान से घुसपैठियों द्वारा हाल ही में (जम्मू क्षेत्र में) की गई आतंकवादी घटनाएं निंदनीय हैं। लेकिन बार-बार यह कहना कि पाकिस्तान ने ऐसा किया है, पर्याप्त नहीं है। हमें खुद से और अपनी अंतरात्मा से पूछना होगा कि हमने उन सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए क्या किया है, जिनसे आतंकवाद को फायदा हो रहा है। जितेंद्र सिंह ने कहा, जब कश्मीर में (आतंकवादियों पर) दबाव बढ़ा, तो उन्होंने अपना ध्यान जम्मू पर केंद्रित कर दिया। हमारा प्रयास सेना को लाने का था जबकि अर्धसैनिक बल पहले से ही वहां मौजूद हैं। सेना की तैनाती के बाद (आतंकवाद से लड़ने के लिए) एक नई रणनीति बनाई जा रही है। सेना ने पहाड़ियों पर मोर्चा संभाल लिया है ताकि आतंकवादी आगे हमले नहीं कर सकें।

जितेंद्र सिंह ने कहा, सरकार पहले से ही (आतंकवाद के खिलाफ) सख्त कार्रवाई कर रही है लेकिन समाज की भी अपनी जिम्मेदारी है। यह दोहराना कि वे पाकिस्तान से आए हैं, पर्याप्त नहीं है। पाकिस्तान 1947 से ही शरारतें करता आ रहा है और आगे भी करता रहेगा यह नहीं सुनेगा। लेकिन सवाल यह है कि हम क्या कर रहे हैं और हमें यह खुद से पूछना होगा?” जितेंद्र सिंह ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध खनन, गोवंश तस्करी के साथ-साथ सरकार और गरीबों की जमीन पर कब्जा करने का उभरता नया फैशन एक दुष्चक्र है जो कुछ हद तक आतंकवाद को बढ़ावा देता है और कठुआ को बदनाम करता है। मंत्री ने कहा कि वह गृह मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में हैं और हाल के हमलों के बाद जम्मू में मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने के लिए थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी से भी मुलाकात की। बता दें कि आतंकवादियों ने 9 जून से 30 दिनों के अंदर शांतिपूर्ण जम्मू क्षेत्र के रियासी, डोडा और कठुआ जिलों में पांच हमले किए, जिसमें सात तीर्थयात्रियों और छह सुरक्षाकर्मियों सहित 15 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने पांच आतंकियों को भी मार गिराया है।