नई दिल्ली
उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी रहे अतीक अहमद को जब साबरमती जेल से यूपी पुलिस प्रयागराज ला रही थी तो उसे गाड़ी पलटने का डर लग रहा था, जैसा कि पहले विकास दुबे के साथ हुआ था। जब वह सुरक्षित यूपी पहुंचा तो उसने गाड़ी नहीं पलटने के लिए मीडिया का आभार जतााया था। हालांकि, वाराणसी में जब उसकी हत्या कर दी गई तो दोनों भाई मीडिया से बात रहे थे। इतना ही नहीं, तीनों हमलावर भी मीडिया के ही पहचान के साथ दोनों के करीब तक पहुंचे थे। तीनों ने अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। पूरी वारदात मीडिया के कैमरे में कैद हो गई।
आपको बता दें कि गाड़ी पलटना का इस कदर डर सता रहा था कि अतीक अहमद ने जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया था। अतीक को साबरमती जेल से प्रयागराज लाने के लिए यूपी पुलिस के 40 सदस्यों की टीम गुजरात गई थी। इसमें एक आईपीएस, तीन डिप्टी एसपी, 3 इंस्पेक्टर शामिल थे। यूपी पुलिस के साथ आने से अतीक के इनकार और गाड़ी पलटने के उसके डर के बारे में पूछे गए सवाल पर डीजीपी डीएस चौहान ने कहा था पुलिस के लिए वह सिर्फ अंतरराज्यीय गैंग का एक अपराधी है। पुलिस अपराधियों के साथ कानून के मुताबिक ही पेश आती है।