Home धर्म शिव जी को दूध अर्पित करते समय रखे 5 सावधानी

शिव जी को दूध अर्पित करते समय रखे 5 सावधानी

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सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. कई लोग सोमवार को व्रत भी रखते हैं. सोमवार व्रत का बहुत महत्व होता है. मान्यता है कि सोमवार को विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन जो भी भक्त श्रद्धा भाव से महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है.

भगवान महादेव बहुत भोले हैं. उनकी जो भी सच्चे मन से पूजा करता है उसके सभी कष्ट महादेव दूर करते हैं. लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जो भगवान शिव के व्रत के दौरान हर भक्त को ध्यान रखनी चाहिए. आइए आज हम आपको बताते हैं जिन्हें सोमवार के व्रत के दौरान ध्यान रखना चाहिए.

1.तांबे के पात्र में रखें दूध: शिवलिंग का अभिषेक करने से पहले हमेशा ये ध्यान रखें कि उनको अर्पित करने वाला दूध तांबे के पात्र में न रखा हो. इससे दूध संक्रमित हो जाता है. जिसके बाद वो भगवान शिव पर अर्पित करने योग्य नहीं होता. अभिषेक वाला दूध हमेशा पीतल, चांदी या स्टील के पात्र में रखें. भगवान शिव को दूध चढ़ाने से वो बहुत प्रसन्न होते हैं.

2.अंत मे जलाभिषेक जरूर करें: शिव पूजा के दौरान शिवलिंग पर दूध, दही, शहद या कोई भी वस्तु चढ़ाने के बाद जल ज़रूर चढ़ाना चाहिए. अंत में जल चढ़ाने से ही जलाभिषेक पूर्ण माना जाता है. इससे महादेव खुश होते हैं.

 

3.चंदन का तिलक लगाएं: धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पर हमेशा चंदन का तिलक लगाएं. कभी भी रोली और सिंदूर का तिलक नहीं लगाना चाहिए. चंदन का तिलक महादेव को प्रिय होता है. इसलिए इस बात का विशेष ख्याल रखें.

4.शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें: शिव जी की पूजा करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा ना करें. जिस स्थान से दूध निर्गम का रास्ता है वहीं पर रुक जाएं और वापस घूम जाएं. इन बातों का ध्यान रखेंगे तो भगवान शिव अपने भक्तों से कभी नाराज नहीं होंगे.

5.शिवलिंग के पास धूप-दीप न जलाएं: पूजा करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि शिवलिंग के आसपास धूप या अगरबत्ती न लगाएं. पुराणों के अनुसार भगवान शिव को जितना शीतल रखा जाता है वे उतना ही प्रसन्न होते हैं. इसलिए धूप और अगरबत्ती हमेशा भगवान शिव से थोड़ी दूरी पर ही रखें.