नई दिल्ली
मौजूदा समय में जिस तरह से क्रिकेट खेला जा रहा है और जिस मात्रा में क्रिकेट खेला जा रहा है, उसको देखते हुए इंजरी मैनेजमेंट और वर्कलोड मैनेजमेंट का जिक्र अकसर होता है। हालांकि टीम इंडिया के नए हेड कोच गौतम गंभीर को इन दोनों ही बातों पर कुछ खास विश्वास नहीं है। गंभीर के हेड कोच बनते ही टीम इंडिया में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं और उसमें से एक बदलाव यह भी हो सकता है कि खिलाड़ियों को जब चाहे तब ब्रेक शायद ही मिल पाए। टीम इंडिया को अगले महीने वनडे और टी20 इंटरनेशनल सीरीज में हिस्सा लेने के लिए श्रीलंका दौरे पर जाना है और यह हेड कोच गौतम गंभीर का पहला असाइनमेंट होगा। गंभीर ने साफ तौर पर कहा है कि कोई खिलाड़ी अगर चोटिल होता है, तो वह रिकवर होकर वापसी कर सकता है, लेकिन उसे इंजरी और वर्कलोड मैनेजमेंट के नाम पर बार-बार ब्रेक नहीं दिया जाएगा।
टीम इंडिया के नए हेड कोच गौतम गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, 'देखिए एक चीज को लेकर मेरा विश्वास बहुत ज्यादा है कि अगर आप खेल सकते हैं, तो आपको तीनों फॉर्मेट में खेलना चाहिए। मेरा विश्वास इंजरी मैनेजमेंट पर नहीं रहा है, अगर आप इंजर्ड होते हैं, तो जाइये और रिकवर होकर आइये, यह एकदम सिंपल सी बात है। जब आप इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हैं, आप जितना कर सकते हैं आपको करना चाहिए। अगर आप किसी भी टॉप खिलाड़ी से पूछेंगे, वे तीनों फॉर्मेट खेलना चाहते हैं। वो रेड बॉल बॉलर या वाइट बॉल बॉलर का टैग नहीं चाहेंगे। इंजरी किसी भी खिलाड़ी के करियर का हिस्सा होती है, अगर आप तीनों फॉर्मेट खेलते हैं और इंजर्ड होते हैं, तो आप वापस जा सकते हैं और रिकवर होकर टीम में आ सकते हैं। आपको तीनों फॉर्मेट खेलने चाहिए, मुझे इस पर ज्यादा विश्वास नहीं है कि आप कुछ खिलाड़ियों को सिर्फ टेस्ट के लिए रखें, कि हम इसकी इंजरी मैनेज करेंगे, हम इसका वर्कलोड मैनेज करेंगे। देखिए एक प्रोफेशनल क्रिकेटर के तौर पर आपका करियर बहुत छोटा होता है, आप अपने देश के लिए खेल रहे हैं, तो आपको जितना ज्यादा हो सकते खेलना चाहिए। अगर आप बहुत अच्छी फॉर्म में हैं, तो तीनों फॉर्मेट खेलिये।'
गंभीर का यह बयान कुछ सीनियर खिलाड़ियों के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। टीम इंडिया में वर्कलोड मैनेजमेंट और इंजरी मैनेजमेंट के नाम पर खिलाड़ियों का ब्रेक लेना आम बात है, लेकिन गंभीर के इस बयान से यह साफ हो गया है कि आने वाले समय में ऐसे ब्रेक मिलना कोई आसान बात नहीं होगी। टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ जहां शांतचित रहकर काम करने के लिए जाने जाते थे, वैसे ही गौतम गंभीर अपने अग्रेशन के लिए मशहूर हैं। आने वाला समय बताएगा कि गंभीर के कोच बनने के बाद टीम इंडिया में किस तरह का कल्चर डेवलप होगा।