जयपुर.
राजस्थान सरकार की ओर पेश किए गए बजट में गांव, किसान और मजदूर का कल्याण करने से जुड़ी ठोस कार्ययोजनाओं का अभाव दिखा। बजट भाषण में वित्त मंत्री दीया कुमारी द्वारा बार-बार केंद्र की योजनाओं का जिक्र किया गया, जिससे यह भी स्पष्ट हुआ कि मुख्यमंत्री के नाम की पर्ची जिस तर्ज पर दिल्ली से आई थी, उसी तरह बजट भाषण भी दिल्ली से टाइप होकर आया है। यह करारा हमला सांसद हनुमान बेनीवाल ने भाजपा पर बोला।
उन्होंने कहा कि बजट की अधिकतर घोषणाएं धरातल पर नहीं उतरेगी। मैं बजट भाषण की प्रति को पढ़ रहा था, उसमें नागौर जिले के मेड़ता और जायल क्षेत्र से संबंधित जिन सड़कों और खाटू में आरओबी की घोषणा हुई, उन कार्यों की स्वीकृति तो 2024 में ही CRIF योजना के अंतर्गत हो चुकी थी। जिनके प्रस्ताव भी मेरे द्वारा सांसद के रूप में मेरे प्रथम कार्यकाल में ही केंद्र सरकार को भेजे जा चुके थे। ऐसे में स्वीकृत हो चुके कार्यों को पुन: बजट घोषणा का हिस्सा दिखाना यह साबित करता है कि राजस्थान सरकार की अधिकतर बजट घोषणाएं केवल दिखावा मात्र हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल ने जब बजट से पहले संवाद किया तब लगा कि प्रदेश में जमीनी स्तर पर व्यापत समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कार्य करेंगे। लेकिन, बजट भाषण में ऐसा कुछ नजर नहीं आया। बेनीवाल ने कहा कि सरकार की ओर से बजट में 5 साल में 4 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात भी केवल दिखावा मात्र है। पूर्ववती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भाजपा ने किसान कर्ज माफी की घोषणा को लेकर 5 साल तक कांग्रेस का मजाक बनाया था।
मैं अब भाजपा सरकार से पूछना चाहता हूं कि अब तो आप शासन में हो ऐसे में किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी के संदर्भ में बजट में कोई भी बात क्यों नहीं की गई। किसानों की कर्ज माफी करने, स्टेट हाइवे को टोल फ्री करने, बूंद-बूंद सिंचाई योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले कृषि कनेक्शन को एक वर्ष में ही सामान्य श्रेणी में तब्दील करने जैसे निर्णय का अभाव इस बजट में नजर आया जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
सचिन पायलट बोले- महंगाई और बेरोजगारी कम करने के कोई ठोस कदम नहीं
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने राजस्थान की भजनलाल सरकार के पहले पूर्ण बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि जनता को सरकार से उम्मीद थी कि प्रदेश में लगातार बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी को कम करने के लिए बजट में कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे। लेकिन, सरकार ने बजट से प्रदेश की जनता को विशेषकर मध्यम वर्ग, किसान, युवाओं को निराशा ही हाथ लगी है। पायलट ने कहा कि हरियाणा के बाद देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर वाले राजस्थान की बेरोजगारी दर को कम करने का सरकार द्वारा बजट में कोई रोड़मैप प्रस्तुत नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को बेरोजगारी को कम करने के लिए अगले पांच सालों में 4 लाख भर्तियां करने का संकल्प मात्र लेने के स्थान पर इसके लिए ठोस कार्य योजना प्रस्तुत करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी भत्ते पर बजट में चुप्पी साध ली गई है, जिससे सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महंगाई को कम करने के लिए भी बजट में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई को कम के लिए कोई काम नहीं किया गया है। केन्द्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद पेट्रोल, डीजल, केरोसीन के दामों को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।
पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि का बजट भाषण में कोई उल्लेख नहीं है और न ही यह उल्लेख है कि ईआरसीपी और यमुना परियोजना के लिए केंद्र सरकार से इस वर्ष क्या सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों पर कर्ज का बार बार उल्लेख किया गया है, लेकिन भाजपा सरकार इस कर्ज को किस तरह कम करेगी इसका कोई रोडमैप बजट में नहीं रखा गया है। नए उद्योग हब बनाए जाने के साथ साथ वर्तमान एमएसएमई उद्योगों को घाटे से बाहर लाने के लिए कोई दृष्टिकोण प्रस्तुत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जिन बड़ी योजनाओं की घोषणाएं की गई हैं, उनमें से अधिकतर योजनाओं पर इस वर्ष बहुत कम व्यय होना दिखाई देता है।