मुजफ्फरपुर.
भगवान भोलेनाथ का प्रिय सावन मास में उनके मंदिर बाबा धनेश्वर नाथ मंदिर का जलाभिषेक स्वयं बागमती नदी करती हैं। आपको बता दें कि सैकड़ों वर्ष से सावन में हर वर्ष पानी काफी आता है।पूरे महीने मंदिर के गर्भ गृह तक जाता रहता है। वहीं नदी के पानी से मंदिर के भवन को कोई क्षति नहीं होता।मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड क्षेत्र के धनौर गांव के बागमती तट पर बाबा धनेश्वर नाथ के नाम से प्रसिद्ध माना जाता है।
जहां पर सावन माह में भगवान भोलेनाथ की पूजा नहीं होती है। इस मंदिर की सबसे अलग बात यह है कि यह नदी बागमती के किनारे में होने के कारण इस मंदिर में मौजूद यहां पर के शिवलिंग बागमती नदी के जलस्तर बढ़ने पर 3 से 4 महीना तक पानी में डूबी रहती है। भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक 24 घंटे होता रहता है और यह जलाभिषेक कोई शिवभक्त नहीं बल्कि उफनाती हुई दो नदियां करती है। वर्षों से सावन माह की शुरुआत से ही इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक निरंतर होता चला आया है। बताया जा रहा है कि जनवरी माह से सावन के पहले तक मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
मंदिर को लेकर क्या कहते है स्थानीय ग्रामीण
स्थानीय ग्रामीण सुजीत कुमार बताते हैं सैकड़ों वर्ष से यह मंदिर बागमती नदी की बीच धारा के बीच अवस्थित है। यह पूरा ही इलाका बाढ़ग्रस्त इलाका है। सैकड़ों घर तहस-नहस हो जाते हैं, कई पुल ध्वस्त हो जाते हैं, लेकिन प्रलयकारी बाढ़ भी कभी इस मंदिर का बाल बांका नहीं कर पाया।