मधुबनी.
सूबे के मुखिया नीतीश कुमार विकास की बातें करते नहीं थकते, लेकिन सूबे में अभी भी विकास कोसों दूर हैं। मधेपुर प्रखंड के भेजा गांव में 6 महीना बाढ़ और 6 महीने सुखार की स्थिति बनी रहती है। कोसी इलाके में बारिश के मौसम आने के साथ ही नाव ही एकमात्र सहारा रहता है। मानसून में कोसी नदी के उफनाने के बाद शादी करने के लाले पड़ जाते हैं। बारात जाने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा बना है।
क्षेत्र के परबलपुर गांव निवासी मो. एहसान की बारात सोमवार को नाव से जानी पड़ी। नाव से बारात जाते देखने के लिए मौके पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। दूल्हे के पिता मो. कमालउद्दीन ने बताया कि शादी की तिथि एक महीने पहले निर्धारित कर ली गई थी। कोसी नदी में भीषण बाढ़ आ गई है, जिस कारण बारात जाने के लिए निजी नाव भाड़े पर ली गई। हम अपने बेटे की शादी सहरसा जिले के डरहार ओपी थाना क्षेत्र के बड़हारा गांव निवासी मो. बसीर की बेटी के साथ कर रहे हैं। वहीं नाव से ही यह बारात जाएगी।