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भूस्खलन के कारण अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों का सड़क संपर्क टूटा

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ईटानगर
अरुणाचल प्रदेश में बारिश के कारण हुए भूस्खलन से कई जिलों का सड़क संपर्क बाधित हो गया है। अधिकारियों ने  यह जानकारी दी।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को शि-योमी जिले में भूस्खलन के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के कारण अप्रैल से अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है।

इसने बताया कि लोहित और अंजाव जिलों के मोमपानी क्षेत्र में तेजू-हयुलियांग सड़क बाधित है, जबकि क्रा दादी जिले में दरी-चंबांग से लांगडांग गांव पालिन-ताराक्लेंगडी जाने वाली सड़क भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गई है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी सियांग जिले के गेयिंग में राष्ट्रीय राजमार्ग-513 भी बाधित हो गया है।

इस वर्ष अप्रैल से अब तक अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन से 72,900 से अधिक लोग और 257 गांव प्रभावित हुए हैं।

बाढ़ और भूस्खलन से सड़कों, पुलों, पुलियाओं, बिजली लाइनों, बिजली के खंभों, ट्रांसफार्मरों और जल आपूर्ति अवसरंचनाओं को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है।

रिपोर्ट के अनुसार अब तक 160 सड़कें, 76 बिजली लाइनें, बिजली के 30 खंभे, तीन ट्रांसफार्मर, नौ पुल, 11 पुलिया और 147 जल आपूर्ति प्रणालियां क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इसमें बताया गया कि इसके अलावा 627 कच्चे और 51 पक्के घर तथा 155 झोपड़ियों को नुकसान पहुंचा है।

पाइपलाइन को नुकसान पहुंचने के कारण राज्य की राजधानी ईटानगर में लोग गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि मरम्मत का काम जारी है, लेकिन इसमें कई दिन लगेंगे।

इस सप्ताह लगातार बारिश के कारण आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन के कारण कुरुंग कुमेय जिले के अंतर्गत दमिन, पारसी पर्लो और पन्यासांग प्रशासनिक क्षेत्र का संपर्क राज्य के बाकी हिस्सों से कथित तौर पर कट गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, दमिन से पारसी पर्लो जाने वाली सड़क भी कई जगह अवरुद्ध हो गई है।

ईटानगर को बंदरदेवा से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग-415 पर करसिंगसा खंड के पास भारी भूस्खलन हुआ, जिसके कारण राजधानी ईटानगर प्रशासन को यात्रियों की सुरक्षा के लिए सड़क को बंद करना पड़ा।

उपायुक्त श्वेता नागरकोटी मेहता द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद सड़क को बंद करने और यातायात को गुमटो के रास्ते मोड़ने का निर्णय लिया गया है।

 असम में बाढ़ के कारण 28 जिलों में करीब 23 लाख लोग प्रभावित

असम में बाढ़ की स्थिति भी गंभीर बनी रही और 28 जिलों की लगभग 23 लाख की आबादी इससे प्रभावित हुई। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई।

बुलेटिन के अनुसार, अधिकतर नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है।

राज्य में इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और तूफान में 78 लोगों की मौत हुई जबकि इनमें से केवल बाढ़ के कारण 66 लोगों की मौत हुई।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का  सिलचर पहुंचने और मणिपुर जाते समय कछार जिले के फुलेर्तल में बाढ़ राहत शिविर का दौरा करने का कार्यक्रम है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सभी राहत शिविरों में पूरी व्यवस्था की गई है और स्थिति सामान्य होने तक आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडार रखा गया है।

उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शिविरों की सुरक्षा और स्वच्छता सरकार की प्राथमिकता है और उनकी टीम वहां रह रहे लोगों के संपर्क में है।

वर्तमान में, 28 जिलों में 3,446 गांवों के लगभग 23 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जबकि बाढ़ की दूसरी लहर से 68,432.75 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो गई है।

धुबरी में सबसे अधिक 7,54,791 लोग प्रभावित हुए, इसके बाद कछार में 1,77,928 लोग और बारपेटा में 1,34,328 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए।

कुल 53,689 लोगों ने 269 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि राहत शिविरों में नहीं रह रहे 3,15,520 लोगों को राहत सामग्री प्रदान की गई है।

ब्रह्मपुत्र निमती घाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

खोवांग में बुरही दिहिंग, शिवसागर में दिखौ, नंगलमुराघाट में दिसांग, नुमालीगढ़ में धनसिरी, धरमतुल में कोपिली, बारपेटा में बेकी, गोलकगंज में संकोश, बीपी घाट में बराक और करीमगंज में कुशियारा नदियां खतरे से निशान से ऊपर हैं।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन सहित कई एजेंसियां राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए विभिन्न हिस्सों में 171 नौकाओं को तैनात किया गया है।

विभिन्न एजेंसियों ने पिछले 24 घंटे में कुल 70 लोगों और 459 मवेशियों को बचाया।

राज्य भर से बाढ़ के कारण सड़कों, पुलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और मत्स्य पालन तालाबों को नुकसान पहुंचने की खबरें मिली हैं।