रांची
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया है। उन्हें 45 वोट मिले जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। सोरेन ने विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी के पास कोई सोच या एजेंडा नहीं है। उनके पास सिर्फ केंद्रीय एजेंसियां हैं। सोरेन ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकसभा चुनाव हार के बाद अब राज्यों के चुनाव में भी हार का सामना करेगी। सोरेन के भाषण के दौरान बीजेपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। बीजेपी ने सोरेन के आरोपों को निराधार बताया है।
बीजेपी के लोग कर रहे थे खरीद-फरोख्त
हेमंत सोरेन ने कहा कि न इनके पास सोच है और न ही एजेंडा है। इनके पास पर केंद्रीय एजेंसियां हैं। जितने विधायक हैं, उसके आधे भी आ जाएं आपस तो बड़ी बात होगी। लोकसभा चुनाव में चेहरा दिखा दिया है, अब बचा है राज्यों का चुनाव। इनका षड्यंत्र नहीं चलने वाला है। उन्होंने कहा कि मैं चंपाई सोरेन का धन्यवाद करूंगा, जिन्होंने निर्भीक होकर सरकार चलाया, सरकार को बचाया। ये लोग (बीजेपी) खरीद-फरोख्त कर रहे थे।
झारखंड विधानसभा में दलीय स्थिति
झामुमो 27
भाजपा 24
कांग्रेस 17
आजसू 3
राजद 1
भाकपा माले 1
एनसीपी 1
निर्दलीय 2
हेमंत सोरेन सोमवार को झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद विधानसभा में विश्वास मत का सामना किया। इससे पहले रविवार शाम को सत्ताधारी गठबंधन और विपक्षी दलों के विधायकों की बैठक हुई, जिसमें विश्वास मत हासिल करने की रणनीति पर चर्चा हुई थी। झामुमो, कांग्रेस और राजद सोरेन सरकार को अपना समर्थन दिया।
हेमंत सोरेन कैबिनेट का विस्तार
कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने बताया कि बैठक में शक्ति परीक्षण के अलावा मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा हुई थी। संभावना है कि हेमंत सोरेन कैबिनेट का विस्तार आज ही होगा। हालांकि कौन-कौन मंत्री बनेगा, इसको लेकर संशय बरकरार है। सियासी गलियारों में कई नामों पर चर्चा हो रही है।
'ऑपरेशन लोटस फेलय…'
विधानसभा में विश्वास मत के दौरान विपक्ष के लोग नारे लगा रहे थे. हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा कि जो लोग नारे लगा रहे हैं, उनमें से आधे चुनाव के बाद विधानसभा में वापस नहीं आ पाएंगे. झारखंड में बीजेपी का ऑपरेशन लोटस बुरी तरह फेल रहा. हमारे लोग साथ रहे. वोटों का डिवीजन जल्द ही शुरू होगा.
हेमंत सोरेन ने इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का आभार व्यक्त किया. पिछले दिनों हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी. इसके बाद हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
हेमंत सोरेन को 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया, जब झारखंड हाई कोर्ट ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत दे दी. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को उनकी गिरफ्तारी से कुछ वक्त पहले ही उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.
बीजेपी के लिए कितना मुश्किल होगा विधानसभा चुनाव?
सियासी हालात अब काफी बदल चुके हैं. खासकर हेमंत सोरेन के जेल से छूटने के बाद. अब तो झारखंड में चंपई सोरेन को हटाकर हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी बैठ चुके हैं. सुनने में आ रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय हेमंत सोरेन की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की तैयारी कर भी रहा है.
हेमंत सोरेन के पक्ष में जो सबसे बड़ी बात है, वो है जमानत देते वक्त हाई कोर्ट की टिप्पणी और वो ऐसी बात है, जिसे आने वाले चुनाव में काउंटर कर पाना बीजेपी के लिए काफी मुश्किल हो सकता है.
लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन से बीजेपी का जोश बढ़ा हुआ है. लेकिन जोश में होश गंवाने वाली स्थिति भी नहीं है. 2004 के शाइनिंग इंडिया कैंपेन जैसा तो नहीं, लेकिन यूपी में बीजेपी का जो हाल इस बार हुआ है, वो मिलता जुलता ही लगता है. ऐसा इसलिए भी लगता है क्योंकि मौजूदा बीजेपी पहले वाली तो कतई नहीं मानी जाती है.