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ईको सेवियर्स ने महापौर को ज्ञापन देकर की पेड़ों को कंक्रीटीकरण से बचाने की मांग

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निविदा शर्तों में करें बदलाव ताकि पेड़ों का हो सके संरक्षण

ईको सेवियर्स ने महापौर को ज्ञापन देकर की पेड़ों को कंक्रीटीकरण से बचाने की मांग

सतना
 ईको सेवियर्स संस्था की लीड मेंबर दान्या चौधरी के नेतृत्व में सतना महापौर योगेश ताम्रकार से मुलाकात कर शहर में पेड़ों को कंक्रीटीकरण के जाल से बचाने के संबंध में ज्ञापन के माध्यम से सुझाव दिए गए। संस्था ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि यदि सभी सिविल वर्क में इस बात को जोड़ा जाए कि जिस स्थान पर भी पौधे लगे हों वहां पर एक मीटर के दायरे में न तो कंक्रीट किया जाएगा और न ही टाइल्स लगाए जाएं। ईको सेवियर्स ने कहा कि यदि गुरूग्राम की तर्ज पर आगे के सभी सिविल कार्यों के लिए अपनी निविदा शर्तों को बदलाव किया जाए तो पौधों का संरक्षण किया जा सकता है।

ठेकेदारों के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य किया जाए कि  पेड़ों के चारों ओर एक मीटर का दायरा बिना कंक्रीट के छोड़ दिया जाए। इस तरह के नीतिगत हस्तक्षेप और निविदा शर्तों में बदलाव को सतना नगर निगम द्वारा भी लागू किया जाना चाहिए। ज्ञापन दिए जाने के दौरान आर्यन मागो, फतेह जहान, , सान्वी सहगल, आर्यवीर, रुद्रवीर, आद्या शुक्ला, मेधांश शुक्ला, दिव्य सहित अन्य ईको सेवियर्स मौजूद रहे।
ईको सेवियर्स को मिल चुका है सम्मान
ईको-सेवियर्स पेड़ों के चारों ओर कंक्रीटीकरण के साथ जियोटैगिंग कर रहे हैं । कुछ मामलों में नगर निगम के अधिकारियों ने इसे हटाने के लिए कहा है और अन्य मामलों में संस्थाा अपने संसाधनों को एक साथ इक_ा किया है। मैन्युअल रूप से उक्त कंक्रीट को हटा दिया है। ईको-सेवियर्स के काम को महत्व देते हुए भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री  ने इसे वैश्विक स्थिरता पुरस्कार -2023 से सम्मानित किया है। पर्यावरण-रक्षकों ने महसूस किया है कि यदि पेड़ों के आसपास कंक्रीटीकरण बेरोकटोक जारी रहता है तो यह एक कठिन लड़ाई साबित हो सकती है। ऐसे में अब यह प्रयास किया जा रहा है कि नई जगहों पर ऐसा न होने पाए। केवल पहले से बिछाए गए कंक्रीट को हटाने की दिशा में ही जद्दोजहद हो।
छिद्रपूर्ण लगाएं टाइल्स
पर्यावरण-रक्षकों ने जल पारगम्य फुटपाथों का उपयोग करने और फुटपाथों पर खाली स्थान या छिद्रपूर्ण सामग्री वाली टाइल्स बिछाने का आग्रह किया है ताकि पानी मिट्टी में रिस सके। उन्होंने बताया कि कुछ नगर पालिकाएं इन टाइल्सों का उपयोग कर रही हैं। हालांकि ईको-सेवियर्स द्वारा बिछाई जा रही उक्त टाइल्सों की ऑडिट से पता चला है कि कई जगहों पर कंक्रीट के ऊपर टाइल्स लगाई गई हैं, जिससे इसका उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता।