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एक साल के इंतजार के बाद मप्र से यूपी को जोड़ने वाले चंबल पुल से भारी वाहनों का आवागमन शुरू

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भिंड
 एक साल के इंतजार के बाद आखिर मप्र से यूपी को जोड़ने वाले चंबल पुल से भारी वाहनों का आवागमन शुरू हो गया। पुल दोबारा से क्षतिग्रस्त न हो इसके लिए यूपी प्रशासन ने कुछ शर्तों पर भारी वाहनों का आवागमन शुरू कराए जाने की अनुमति दी है।

पुल से ओवरलोड वाहन न गुजरें इसके लिए इटावा (यूपी) की तरफ दो शस्त्र धारक पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। वहीं भिंड (मप्र) की पीएनसी कंपनी के द्वारा दो निजी सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। देश का यह इकलौता ऐसा पुल से जिसकी सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात किए गए हैं, जोकि 24 घंटे पुल से निकलने वाले भारी वाहनों की निगरानी कर रहे हैं। चंबल पुल इन दिनों कड़ी सुरक्षा में है।

एमपी और यूपी के द्वारा इस पुल की निगरानी कराई जा रही है। वर्ष 1976 में यह पुल बनकर तैयार हुआ था। इस पुल पर ट्रैफिक का लगातार दबाव बना हुआ है। सबसे ज्यादा इस पुल को असुरक्षित करने वाले ओवरलोडेड वाहन है।

मध्य प्रदेश की सीमा से यूपी की ओर हर रोज सैकड़ों की तादाद में काली गिट्टी और रेत से भरे ओवरलोड ट्रक निकलते थे। इस कारण से बार-बार इस पुल के बैरिंग टूट रहे थे। पुल स्लैब मूव होना बंद हो जाते थे। और उनमें दरार आ रही थी। इस पुल के क्रेक बार बार ठीक कराए जाते थे।

फिर भी बार बार क्रेक आ रहा था यह सिलसिला पीछे तीन साल से चल रहा था। इस वजह से 8 जून 2023 से पुल पर से हैवी वाहनों को निकालना प्रतिबंधित किया गया था। 28 जून को शर्तों के आधार पर इटावा कलेक्टर ने चंबल पुल से भारी वाहनों का आवागमन शुरू कराए जाने की अनुमति दी है।

ओवरलोडिंग वाहनों से पुल असुरक्षित

ओवरलोडिंग वाहनों से पुल की सुरक्षा पर हमेशा सवाल खड़े होते आ रहे थे। इस कारण से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के इटावा और भिंड जिला के प्रशासनिक अफसर पुल को चालू कराए जाने को लेकर सहमत नहीं हो पा रहे थे। पुल लगातार बंद रहने के कारण एमपी और यूपी के भिंड व इटावा जिले का राजस्व लगातार गिर रहा था। पिछले दिनों भिंड और इटावा जिला के प्रशासनिक अफसर ने चंबल पुल को चालू कराए जाने को लेकर आपसी सहमति बनाई और पुल पर से ओवरलोडेड वाहन निकला जाना प्रतिबंधित किया।

55 टन से अधिक भार वाला वाहन प्रतिबंधित

एमपी के भिंड और यूपी के इटावा जिले के प्रशासनिक अफसर ने पुल पर से अधिकतम भाग 55 टन निकाले जाने की शर्त के साथ पुल चालू कराए जाने का निर्णय लिया। अतः गिट्टी और रेत से भरे हुए वाहन उत्तर प्रदेश जाने के लिए भिंड जिला की सीमा से होकर जाते है। इसलिए बरही टोल प्लाजा को यह दायित्व सौंपा गया की कोई भी वाहन 55 टन से अधिक वजनी पुल से निकलने नहीं चाहिए। टोल प्लाजा प्रबंधन को यह दायित्व दिया गया कि टोल पर लगी तकनीकी मशीनों से हर माइनिंग वाहन की क्षमता नापी जाए। इसके बाद ही वाहन को निकाला जाए। प्रशासनिक आदेश का पालन करते हुए पीएनसी इंफ्राटेक कंपनी लगातार एमपी से यूपी की ओर जाने वाले वाहनों के वजन पर निगरानी कर रही है।

इन शर्तों पर पुल शुरू करने की दी अनुमति

    चंबल पुल पर मप्र की ओर से आने वाले ओवरलोडेड भारी वाहनों को जनपद भिंड (मप्र) प्रशासन/पुलिस के द्वारा रोका जाएगा। इसी प्रकार जनपद इटावा प्रशासन/पुलिस द्वारा भी कार्रवाई की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि चंबल पुल पर ओवरलोडेड वाहन न निकल सकें, पुल से भारी वाहनों का आवागमन इस गति से किया जाए, जिससे पुल पर वाहन एकत्रित न होने पाएं एवं स्टेटिक लोड न पड़े।

    इसके अतिरिक्त चंबल पुल पर एक साथ भारी वाहन खड़े न हों, किसी प्रकार की आकस्मिकता की स्थिति से निपटने के लिए उक्त पुल के दोनों ओर नियमित रूप से एक-एक केन की व्यवस्था / उपलब्धता पीएनसी कंपनी द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।
    उक्त व्यवस्थाओं का नियमित रूप से अनुश्रवण के लिए कार्मिकों की व्यवस्था पीएनसी कंपनी द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। इस सम्बंध में पीएनसी कंपनी द्वारा अपनी सहमति दी गई है, उक्त पुल की सुरक्षा व्यवस्था एवं आवागमन के संबंध में नियमित अनुश्रवण के लिए टीम गठित की गई है।

सेंसर से की जा रही वाहनों की जांच

    पीएनसी इंफ्राटेक टोल प्लाजा के प्रबंधक यशपाल सिंह भदौरिया का कहना है कि पुल पुराना है। पुल पर 55 टन निर्धारित क्षमता है। इससे अधिक वजनी वाहन होने पर उसका ओवर लोडेड खाली कराए जाने के निर्देश प्राप्त है। प्रत्येक वाहन का वजन टोल प्लाजा के सेंसर से नापा जाता है।

    जरूरत के मुताबिक टोल प्लाजा पर स्थित धर्म कांटे पर वाहन का वजन तौला जाता है। इस तरह के कंपनी को जिला प्रशासन की ओर से निर्देश प्राप्त हुए है। कंपनी ने अपने दो जवानों को पुल पर तैनात किया है।