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ब्रिटिश के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपनी कंजर्वेटिव पार्टी की हार को स्वीकार कर लिया

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लंदन
आम चुनाव में लेबर पार्टी की धमाकेदार जीत के बाद कीर स्टारमर यूनाइटेड किंगडम के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। इसी के साथ 14 साल का कंजर्वेटिव शासन खत्म हो गया है। स्टारमर ने ब्रिटिश लोगों को धन्यवाद दिया। ब्रिटिश के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपनी कंजर्वेटिव पार्टी की हार को स्वीकार कर लिया है। साथ ही उन्होंने माफी मांगी और कीर स्टारमर को बधाई दी। ब्रिटेन के इ चुनावों में कई भारतीय एक बार फिर से बंपर जीत हासिल कर संसद पहुंचे हैं।

पार्टी की करारी हार के बावजूद ऋषि सुनक अपनी रिचमंड और नॉर्थलेर्टन सीटें बचाने में कामयाब रहे। इस साल ब्रिटेन के आम चुनाव में देश के इतिहास में सबसे विविधतापूर्ण संसद बनी है, जिसमें भारतीय मूल के सांसदों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। ब्रिटिश फ्यूचर थिंक टैंक द्वारा किए गए पहले के विश्लेषण से पता चलता है कि सत्ता पर आसीन होने जा रही लेबर पार्टी के पास जातीय अल्पसंख्यक सांसदों का सबसे बड़ा दल होगा। वर्ष 2019 में हुए पिछले आम चुनाव में भारतीय मूल के 15 सांसद चुने गए थे, जिनमें से कई दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके अलावा भारतीय मूल के कई लोग पहली बार आम चुनाव लड़ रहे हैं।

इस बार भारतीय मूल के 18 उम्मीदवार जीते
ब्रिटिश मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस बार भारतीय मूल के 18 सांसद जीते हैं। इनमें ऋषि सुनक के अलावा, शिवानी राजा, प्रीति पटेल और नवेंदु मिश्रा जैसे नाम शामिल हैं। बता दें कि प्रतिष्ठित ब्रिटिश भारतीयों में से एक कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद आलोक शर्मा और लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र शर्मा ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा था।
जस अथवाल ने लेबर पार्टी के गढ़ इफोर्ड साउथ से चुनाव लड़ा था, जबकि बैगी शंकर डर्बी साउथ, सतवीर कौर साउथम्पटन टेस्ट और हरप्रीत उप्पल ने हडर्सफील्ड से चुनाव लड़ा। इंदौर में जन्मे राजेश अग्रवाल ने पहली बार लीसेस्टर ईस्ट से चुनाव लड़ा था लेकिन वह अन्य ब्रिटिश भारतीय एवं कंजर्वेटिव पार्टी की उम्मीदवार शिवानी राजा से हार गए।

भारतीय मूल के मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में मुकाबला दिलचस्प था। गोवा मूल की पूर्व सांसद कीथ वाज भी यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही थीं। इस बीच, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के उत्तरी इंग्लैंड में रिचमंड और नॉर्थअलर्टन की अपनी सीट बरकरार में कामयाब रहे। साथ ही उनके मंत्रिमंडल की पूर्व सहयोगी प्रीति पटेल ने एसेक्स में विथम और सुएला ब्रेवरमैन ने फारेहैम तथा वाटरलूविले में जीत हासिल की है। ये सभी भारतीय मूल के हैं।