जोधपुर.
महंगाई के इस दौर में जहां शादी-विवाह के नाम पर लोग लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर देते हैं। लेकिन राजस्थान के जोधपुर जिले में एक ऐसा संस्थान है, जो विवाह के नाम पर फिजुल खर्च को रोकने के लिए गरीब परिवारों के लोगों का मात्र एक रुपये में शादी करवाता है। बता दें कि जोधपुर में मुस्लिम समाज के लोगों के लिए यह अनूठी पहल चलाई जा रही है, जिसे 'मारवाड़ शेख सय्यद मुगल पठान विकास संस्थान' चला रही है।
संस्थान ने बीते नौ साल में अब तक करीब 110 लोगों का निकाह करवाया है। इस शादी का खर्च मुस्लिम समाज के 140 लोगों द्वारा अपने स्तर पर उठाया जाता है। जबकि शादी के लिए गरीब जरूरतमंद लोग केवल एक रुपये का खर्च देते हैं। संस्थान द्वारा हर साल करीब 15 से 20 जोड़ों का निकाह नवाचार के आधार पर कराया जाता है। आगामी 20 अक्तूबर 2024 को संस्थान अपना 10वां सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करेगी। इस आयोजन में करीब 15 से अधिक जोड़ों का निकाह कराया जाएगा।
क्या है संस्थान का उद्देश्य
संस्थान का उद्देश्य है, जिस प्रकार से शादी के नाम पर चार से पांच दिन तक कई वैवाहिक आयोजन होते हैं। साथ ही दिखावटी की प्रतिस्पर्धा में लाखों रुपये की फिजूल खर्च किए जाते हैं। इससे निम्न मध्यम वर्ग परिवारों पर इसका काफी असर दिखता है। ऐसे में महज एक रुपये में गरीब और जरूरतमंद की शादी करवाना अनूठी पहल है। शादी करवाने के अलावा हर जोड़े को घरेलू जरूरत के समान और दुल्हन को आवश्यक श्रृंगार के समान भी तोहफे स्वरूप दिए जाते हैं। इस अनूठी पहल के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे भी प्रशंसा पत्र के जरिए उनकी कार्यों की सराहना कर चुके हैं।
अब तक इतने लोगों की हुई शादी
मुस्लिम समाज के हाजी हमीम बख्श ने बताया, साल 2002 में हमने इस पहल की शुरुआत की। इसका उद्देश्य समाज के गरीब जरूरतमंद परिवारों की सहायता करना है। समाज में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले वह लोग जो आर्थिक रूप से अपने बच्चों की शादी कराने में असमर्थ हैं। ऐसे लोगों के लिए हमने इसकी शुरुआत की और मात्र एक रुपये के नाम मात्र शुल्क में उनका निकाह भी करवाते हैं। उनके घर गृहस्थी के जरूरत के सामान भी उनको तोहफे स्वरूप देते हैं। अब तक करीब 150 जोड़ों का निकाह करवा चुके हैं। 20 अक्तूबर को फिर एक बार गरीब जरूरतमंद परिवारों का एक रुपये में निकाह करवाएंगे। इसके जरिए वह जनता में भी हम यह संदेश देना चाहते हैं कि विवाह के नाम पर फिजूल खर्च को रोकें।
समारोह में आए लोगों को भोजन भी करवाते हैं
हमारे इस प्रयास से निकाह करवाने वाले वर और वधू के 100-100 पारिवारिक सदस्यों को भोजन की व्यवस्था भी दी जाती है। जहां करीब 10 से 15 हजार लोगों का खाना इस सामूहिक विवाह में किया जाता है और निकाह करने वाले दूल्हा-दुल्हन को जरूरी घरेलू सामान भी हमारे द्वारा दिए जाते हैं। कई बार ऐसा देखा जाता है, परिवार की आर्थिक स्थितियां संपन्न नहीं होती। उनके घर परिवार में बच्चियों शादी की उम्र भी निकल जाती है। ऐसे लोगों को हम प्राथमिकता के साथ निकाह मात्र एक रुपये में करवाते हैं।