नई दिल्ली
जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास करते हैं, उनके लिए मंगलवार को संसद में जो हुआ, उस पर विश्वास कर पाना मुश्किल हो गया है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे तो नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इस दौरान विपक्ष के नेताओं को उकसा रहे थे। वीडियो में भी ये साफ नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जब लोकसभा में अपना संबोधन दे रहे थे, उसी समय विपक्ष की ओर से सदन में जमकर हंगामा किया जा रहा था और पीएम मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की जा रही थी। भाजपा की तरफ से इसको लेकर वीडियो जारी किया गया और इसके जरिए राहुल गांधी पर निशाना साधा गया। भाजपा ने आरोप लगाया कि विपक्षी सांसदों को राहुल गांधी ने उकसाया, जिसके कारण सदन में अशोभनीय घटना घटी। राहुल गांधी के उकसाने के बाद विपक्षी सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी और वह प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान बाधा डालने की कोशिश करते नजर आए।
अब भाजपा की तरफ से 2012 का भी एक वीडियो जारी किया गया है और साथ ही राहुल गांधी का भी वीडियो जारी कर यह लिखा गया है कि मां सोनिया गांधी की तरह ही राहुल गांधी ने भी संसद की कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश की। भाजपा की तरफ से जारी वीडियो में दिख रहा है कि राहुल गांधी विपक्षी सांसदों को इशारा कर रहे हैं कि वह जोर से नारेबाजी करें, वह वेल में जाएं। वह तब हो रहा था, जब प्रधानमंत्री मोदी सदन में अपनी बात रख रहे थे। भाजपा की तरफ से जारी इस वीडियो में बताया गया है कि राहुल गांधी ने मंगलवार को जो किया, वह न तो आश्चर्यजनक है और न ही नया। राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी ने भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को घेरने के लिए ऐसा ही किया था और वह सदन में यह ऐसा व्यवहार कई बार करती थीं।
वहीं, भाजपा ने इस पूरी घटना का एक और वीडियो जारी कर लिखा कि जहां एक तरफ राहुल गांधी विपक्ष के नेताओं को वेल में जाकर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए उकसा रहे थे, वहीं दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी वेल में नारेबाजी कर रहे सांसद को भी पानी पिलाते नजर आए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी राहुल गांधी की इस हरकत के लिए उन्हें फटकार लगाई थी और उन पर सदन के वेल में जाकर विरोध करने के लिए विपक्षी सदस्यों को उकसाने का आरोप लगाया था।
बिरला ने तब राहुल गांधी का नाम लेकर कहा था कि विपक्ष के नेता के रूप में यह आपको शोभा नहीं देता। मैंने आपको सदस्यों को वेल में जाने के लिए कहते हुए देखा है। यह व्यवहार कहीं से भी उचित नहीं है।