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मध्यप्रदेश सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक पर्यटन के सेक्टर में सरकार की कमाई 38 फीसदी बढ़ी

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भोपाल

मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव सरकार बुधवार को अपना पहला पूर्ण बजट विधानसभा में प्रस्तुत करने जा रही है। बजट उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा प्रस्तुत करेंगे। यह बजट 3 लाख 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक का होना संभावित है। वित्त विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि बजट में नागरिकों पर कोई नया कर नहीं लगाया जाएगा। कयास हैं कि इस बजट में सभी वर्गों को साधने के लिए प्रावधान होंगे। दिसंबर में कार्यभार संभालने वाली मोहन सरकार ने लोकसभा चुनाव के कारण पूर्ण बजट प्रस्तुत नहीं किया था। तब सरकार ने एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया था। एक अप्रैल से 31 जुलाई 2024 तक के लिए विभागों को राशि आवंटित की गई थी। लेकिन इस बजट के माध्यम से वर्षभर के लिए प्रावधान होंगे।

विधानसभा चुनाव 2023 में जारी किए गए संकल्प पत्र के वादा को पूरा करने के लिए भी सरकार बड़े ऐलान कर सकती है। पूंजीगत निवेश बढ़ाने का सिलसिला जारी रखते हुए 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया जा सकता है। वहीं लाडली बहना योजना, छात्रवृत्ति, स्वरोजगार, फसल पर बोनस, मोटे अनाज और पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए पर्याप्त राशि विभागों को आवंटित करने को लेकर कई घोषणाएं संभव है। साथ ही साल 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ होना है। इसके लिए बजट में कोई विशेष ऐलान भी संभव है। इस बार खास बात यह है कि बजट डिजिटल के बजाए हार्ड कॉपी में होगा। सभी सदस्यों को बजट की प्रतियां मिलेंगी।

बजट में क्या होगा खास

प्रधानमंत्री शहरी और ग्रामीण आवास, आयुष्मान सहित स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, नल जल योजना, विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा, भारिया और सहरिया) के लिए जनमन योजना में राशि संबंधित विभागों को के लिए अच्छी खासी राशि दी जा सकती है। दूध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर प्रोत्साहन, किसान और घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का अनुदान और महंगाई भत्ता व राहत के लिए 56 प्रतिशत की दर से प्रावधान रखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में विकास का पहिया डबल इंजन की सरकार के तालमेल से दौड़ेगा। केंद्रीय कर और सहायता अनुदान में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये प्रदेश को अधिक मिलने का अनुमान है। वहीं राज्य कर भी 96 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

एमपी सरकार का आर्थिक सर्वेक्षण

मध्य प्रदेश सरकार ने मंगलवार को अपना आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत कर दिया है। उपमुख्यमंत्री और वित्त मामलों के मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण में पता चला है कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय चार गुना बढ़ गई है। प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय वित्तीय वर्ष 2011-12 में 38,497 रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक लाख 42 हजार 565 रुपये हो गई है। जो कि पिछले वर्ष की तुलना में प्रति व्यक्ति आय में इस वर्ष 10 हजार 55 रुपये ज्यादा है। वहीं, मुद्रास्फीति के समायोजन के बाद स्थिर भावों पर भी प्रति व्यक्ति शुद्ध आय 38 हजार 497 से बढ़कर 66 हजार 441 रुपये हो गई है। जीएसवीए में कृषि उत्पादकता में सकारात्मक रुझान, औद्योगिक स्थिरता और सेवा क्षेत्र में निरंतर बढ़त दर्ज हुई है। जीएसडीपी भी बढ़कर 13 लाख 63 हजार 327 करोड़ हो गया है। वहीं पिछले वित्तीय वर्ष की जीएसडीपी 12 लाख 46 हजार 471 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 9.37 प्रतिशत की वृद्धि कृषि, उद्योग और सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में हुई है।

मंगलवार को जारी किए आंकड़े

यह आंकड़े आर्थिक सर्वेक्षण के हैं, जो प्रदेश सरकार ने बजट प्रस्तुत करने से एक दिन पूर्व मंगलवार को जारी किए हैं। वर्ष 2023-24 के लिए स्थित भावों पर जीएसडीपी छह लाख 60 हजार 363 करोड़ रुपये थी, जो पिछले वर्ष से छह लाख 22 हजार 908 करोड़ रुपये से अधिक है। यानी इसमें लगभग 6.01 प्रतिशत वास्तविक वृद्धि दर्ज हुई है। सर्वेक्षण के अनुसार प्रदेश की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। साथ ही साथ उत्पादन और सेवाओं में वास्तविक लाभ भी सरकार प्राप्त कर रही है। कृषि में उन्नति, औद्योगिक विकास और विशेष रूप से आइटी व पर्यटन में बढ़ता हुआ सेवा क्षेत्र सामूहिक रूप से राज्य के आर्थिक विकास को आगे बढ़ा रहा है।

कृषि-ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति

कृषि और ग्रामीण विकास जैसे प्राथमिक क्षेत्रों में वर्ष 2011-12 में 33.85 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 45.53 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। स्थित भावों पर वर्ष 2011-12 में 33.85 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 35.82 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वहीं प्रचलित भावों पर प्राथमिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 45.17 प्रतिशत से बढ़कर 45.53 प्रतिशत हो गई। यह वृद्धि फसलों (32.29% से 32.32%) और पशुधन (7.51% से 7.84%) के स्थित योगदान से प्रेरित है जो कृषि उत्पादकता और पशुधन विकास को दर्शाती है।

मत्स्य पालन और और जलीय कृषि में भी वृद्धि

मत्स्य पालन और और जलीय कृषि में भी 0.50 प्रतिशत से 0.53 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई। खनन और उत्खनन में 2.59 प्रतिशत से 2.67 प्रतिशत तक सुधार हुआ है। वहीं स्थिर भावों में पशुधन का योगदान 6.02 प्रतिशत से 6.18 प्रतिशत हो गया और मत्स्य पालन व जलीय कृषि 0.50 प्रतिशत से बढ़कर 0.54 प्रतिशत हो गई है। खनन और उत्खनन में भी 2.8 से 2.27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उपमुख्यमंत्री वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण मध्य प्रदेश की उत्कृष्ट आर्थिक प्रगति को रेखांकित करता है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश आर्थिक समृद्धि के नए सोपान तय करेगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपेक्षा अनुसार देश की पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने भरपूर सहयोग देगा।