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रमजान के आखिरी दस दिन में मस्जिद व घरों में ऐतेकाफ पर बैठने का सिलसिला शुरू

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भिलाई

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड शाखा भिलाई के काजी ए शहर भिलाई-दुर्ग छत्तीसगढ़ मुफ्ती मोहम्मद सोहेल ने रमजान के मुबारक महीने में मस्जिद आयशा हाउसिंग बोर्ड में आखिरी अशरा (दस दिनों) की खास बातें बताई। इन आखिरी दस दिनों के साथ ही मस्जिदों और घरों में खास इबादत के लिए ऐतेकाफ पर बैठने का सिलसिला भी शुरू हो गया।

उन्होंने अपनी तकरीर में कहा कि हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहिस्सलाम हर रमजान में आखिर के दस दिनों में मस्जिद में एतकाफ (दुनिया को छोड़कर केवल अल्लाह की इबादत पर लग जाना) बैठते थे। रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम ने फ?माया कि जो शख्स एक दिन का ऐतेकाफ भी अल्लाह को राजी करने के लिए करता है तो अल्लाह उसके और जहन्नुम के दरमियान तीन खंदक (बाधा) बना देते हैं। शहर काजी मुफ्ती सोहेल साहब,मौलाना शकील सुपेला, मौलाना सैयद फैसल हाउसिंग बोर्ड, मौलाना इनामुल हक कैम्प और मौलाना दिलशाद फरीद नगर ने संयुक्त रूप से ऐतेकाफ पर बताया कि इससे आदमी बुराईयों से बचाता है अल्लाह की रहमत हासिल होती है। उसका खाना पीना सोना भी इबादत में शुमार होता है। मुफ्ती मोहम्मद सोहेल ने कहा कि औरतें भी अपने घरों के अंदर एक खास जगह बनाकर ऐतेकाफ कर सकती हैं उन्हें भी मर्दों की तरह पूरा सवाब मिलेगा लेकिन शर्त यह है उस खास जगह से केवल अपने रोजमर्रा की जरूरत के लिए जा सकतीं हैं।

उन्होंने बताया कि ऐतेकाफ की तीन किस्म वाजिब, सुन्नत और नफील होती है। रमजान मुबारक महीना का ऐतेकाफ सुन्नत किफाया है कोई एक व्यक्ति मस्जिद में ऐतेकाफ करेगा तो पूरे मोहल्ले की तरफ से जिम्मेदारी पूरी हो जाएगी इसके अलावा ऐतेकाफ करने वाले को जरूरी कि वो फिजूल और फहश बातों से अपने आप को बचाए। ज्यादा वक्त अल्लाह को राजी करने,मनाने ओर हिदायत मांगने के साथ साथ दुनिया में अमन चैन व भाई चारा कायम रखने दुआ करें।