नईदिल्ली
देश में कोविड-19 के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना के 11,109 नए मामले सामने आए हैं. कल यानी गुरुवार को 10,158 मामले, बुधवार को 7830, मंगलवार को 5676 और सोमवार को 5880 मामले सामने आए थे. कोरोना के आंकड़े डराने वाले हैं क्योंकि दिन-ब-दिन मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. देश में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 49,662 हो गई है. बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए हेल्थ एक्सपर्ट्स ने मास्क लगाने और कोविड गाइडलाइन को फॉलो करने की सलाह दे रहे हैं.
बीएलके अस्पताल के एचओडी और पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. संदीप नायर (Dr Sandeep Nayar) का कहना है, 'COVID-19 मामलों में वृद्धि के बीच भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लोगों के लिए मास्क अनिवार्य कर देना चाहिए. हॉस्पिटल और मार्केट में डबल लेयर मास्क पहनें क्योंकि वह कोरोना से बचने में मदद कर सकता है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच नए वैरिएंट का खतरनाक लक्षण सामने आया है जो पहले के किसी भी वैरिएंट में सामने नहीं आया था. कोरोना के नए वैरिएंट का नया लक्षण कौन सा है, कितना खतरनाक है, इस बारे में डॉक्टर्स का क्या कहना है? इस बारे में भी जान लीजिए.
क्या है आर्कटुरस वैरिएंट
भारत में अभी जो वैरिएंट सबसे अधिक पाया जा रहा है, वह ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट है जो 'आर्कटुरस' है और इसे XBB.1.16 नाम दिया गया है. यह वैरिएंट जनवरी 2023 में पहली बार सामने आया था. XBB.1.16 वैरिएंट वाशिंगटन, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, वर्जीनिया, सिंगापुर, टेक्सास और अमेरिका समेत 22 देशों में तबाही मचा चुका है.
विशेषज्ञों के मुताबिक, XBB.1.16 वैरिएंट अभी तक का सबसे घातक और तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है. इसके ऐसे लक्षण सामने आए हैं जो पहले के वैरिएंट्स में नजर नहीं आए थे.
कोरोना का नया लक्षण क्या है?
WHO के वैक्सीन सेफ्टी नेट के सदस्य, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पूर्व संयोजक और मंगला हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, बिजनौर के कंसल्टेंट डॉ. विपिन वशिष्ठ (Dr. Vipin Vashishtha) के मुताबिक, कोरोना का नया लक्षण जो सामने आया है वह कंजक्टिवाइटिस (नेत्रश्लेष्मलाशोथ या आंख आना) है. यह बच्चों में अधिक पाया जा रहा है. इसमें आंखों में खुजली, आंखों में चिप-चिपापन, गुलाबी आंख की समस्या होती है. इसके अलावा, तेज बुखार, सर्दी और खांसी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, गले में खराश, नाक बहना आदि इस वैरिएंट के भी लक्षण हो सकते हैं.
कंजंक्टिवाइटिस यानी आंख आना क्या है?
हमारी आंख में कंजक्टिवा नाम की पारदर्शी झिल्ली होती है जो आंख की पुतनी (सफेद हिस्सा) और पलक के आंतरिक भाग को ढंके रखती है. अगर उसमें इंफेक्शन हो जाता है या सूजन आ जाती है तो उसे आंख आना या कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं. कंजंक्टिवाइटिस होने पर आंख में खुजली हो सकती है, जलन पढ़ सकती है, लाल हो सकती है या दर्द भी हो सकता है.
क्या वैरिएंट से गंभीर संक्रमण हो सकता है?
डॉ. वशिष्ठ ने कुछ समय पहले बताया था कि XBB.1.16 वैरिएंट XBB.1.5 की तुलना में 140 प्रतिशत ज्यादा तेजी से फैल सकता है जो इसे अधिक संक्रामक बनाता है. इस वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन है जिसके कारण यह अधिक खतरनाक हो जाता है. इस बारे में WHO का कहना है कि यह लोगों को संक्रमित करने की क्षमता के साथ-साथ यह अन्य बीमारियों का जोखिम भी बढ़ा सकता है.
प्रमुख महामारी विज्ञानियों और वायरोलॉजिस्ट के अनुसार, नया कोविड वैरिएंट XBB.1.16 देश में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों का कारण है. जिन लोगों को पहले से कोई गंभीर बीमारी है, प्रेग्नेंट महिलाएं, बच्चे, 60 से अधिक उम्र के लोग, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इस वैरिएंट से खतरा हो सकता है. इसलिए सभी को सतर्क और उचित सावधानी बरतने की जरूरत है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के COVID-19 तकनीकी प्रमुख डॉ. मारिया वान केरखोव (Dr. Maria Van Kerkhove) ने मार्च के आखिरी में कहा था, 'कोरोना का नया सब वैरिएंट XBB.1.16 हमारे आसपास पिछले कुछ महीनों से घूम रहा है लेकिन अभी तक इस वैरिएंट ने लोगों को गंभीर रूप से बीमार नहीं किया है. हमें इस बात की चिंता है कि आने वाले समय में वायरस अधिक संक्रामक हो सकता है और खतरनाक रूप धारण कर सकता है.'
कितना खतरनाक है यह वैरिएंट
बायोलॉजी रिसर्च की वेबसाइट BioRxiv पर पब्लिश टोक्यो यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक, XBB.1.16 वैरिएंट, XBB.1.15 वैरिएंट की तुलना में लगभग 1.2 गुना अधिक संक्रामक है. इस वैरिएंट में होने वाले म्यूटेशन इम्यूनिटी के लिए और अधिक मुश्किल पैदा कर सकते हैं.