अलीगढ़
यूपी के अलीगढ़ में एक परिवार से लूट के मामले में फंसाने का खौफ दिखाकर दो सिपाहियों ने लाखों रुपए वसूले। दोनों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। लेकिन माल की बरामदगी न होने के कारण उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई है।
ये मामला कोतावाली क्षेत्र के घास की मंडी का है। आमिर ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि उसके परिवार पर अभी तक किसी तरह का आपराधिक मामला नहीं है। भुजपुरा में पिछले साल सितंबर महीने में 2.71 लाख रुपये की लूट हुई थी। इस मामले में आरोपियों ने उसके छोटे भाई साजिद का नाम पुलिस को बता दिया। इस पर थाना सासनी गेट के सिपाही शोएब आलम ने उसे फोन कर यह जानकारी दी। अगली रात ढाई बजे सिपाही शोएब के साथ थाना पुलिस आई और उसके दो अन्य भाइयों को पकड़ कर ले गई। आरोप है कि उन्हें अगले दिन एक लाख रुपये की रिश्वत लेकर छोड़ दिया गया। इसके बाद साजिद के साले को सहसवान से पकड़ लाए। उसे भी एक लाख रुपये लेकर छोड़ा गया। इसके बाद कभी खाना, कभी पंखा मंगाया जाता रहा।
आरोप है कि बाद में शोएब व उसके साथी सिपाही वीरेश ने 50 हजार रुपये मांगे। किसी तरह 30 हजार रुपये दिए तो नाराज होकर उसे हवालात में डाल दिया। अंदर मौजूद हवालातियों से पिटवाया। इस दौरान पैर के नाखून में चोट पहुंचाई और शांतिभंग में चालान कर दिया। इसके बाद 70 हजार रुपये लेकर उसका पीछा छोड़ा। बाद में भाई के न पकड़े जाने की दशा में ढाई लाख रुपये मांगे। यह पैसा सिपाहियों ने निजामी पुलिया पर लिया। बाद में भाई को पकड़ लाए और पचास हजार रुपये मंगाए। जिसमें से 38 हजार रुपये इंस्पेक्टर व दरोगा की मौजूदगी में लेकर भाई पर बरामद दिखा दिए। इसके बाद भी ब्लैकमेल का सिलसिला जारी रहा। कभी होटल से खाना मंगाते तो कभी गाड़ी में पेट्रोल डलवाते।
पीड़ित ने बताया कि एक दिन घर से मोबाइल उठा ले गए। अब गैंगस्टर हटवाने के नाम पर डेढ़ लाख मांगते हैं। इतना ही नहीं नगला पटवारी वाला घर अपने नाम कराने की धमकी देने लगे। पिछले दिनों कलेक्ट्रेट के पास से उसे पकड़ लिया। अपने घर का लैंटर डलवाने के नाम पर रुपये मांगे। न देने पर जेब से 2500 रुपये छीनकर पीटते हुए भगा दिया। साथ में परिवार की फोटो वायरल करने, झूठे मुकदमे में जेल भेजने तक की धमकी दी। पिछले दिनों फिर गाड़ी मरम्मत के नाम पर एक बार 28 हजार और दूसरी बार 20 हजार रुपये ले लिए। इसके बाद भी आरोपी सिपाही ब्लैकमेल करते रहे।
एडीजी के नाम पर भी वसूली
आमिर का आरोप है कि आरोपी सिपाही कभी टाइगर के नाम पर तो कभी एडीजी के नाम पर रुपये मांगने लगे। इसी वजह से परिवार आत्महत्या करने को मजबूर है। घर में ताला लगाकर परिवार छिपता फिर रहा है। हिम्मत कर इस मामले की शिकायत एसएसपी से की और साक्ष्य बतौर काल रिकार्ड भी दिखाए गए।
एसएसपी ने मामले की करवाई जांच
एसएसपी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी सिटी से मामले की जांच कराई। जांच में आरोप सही पाए जाने पर सासनी गेट या कोतवाली के बजाय क्वार्सी कोतवाली में शनिवार रात को आरोपी सिपाहियों के खिलाफ अवैध वसूली आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार कर रविवार को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। लेकिन माल बरामद न होने पर रिमांड मजिस्ट्रेट ने दोनों को अंतरिम जमानत देकर आठ जुलाई को फिर से पेश करने की तारीख नियत की है।