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मां बनने के सपने को साकार होने से ह्दयाघात रोक रहा, दो माह में 14 गर्भवतियों ने तोड़ा दम

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ग्वालियर
मां बनने के सपने को साकार होने से ह्दयाघात रोक रहा है। इतना ही नहीं यह मातृ मृत्युदर को भी बढ़ा रहा है। मातृ मृत्युदर के मामलों का डेटा तैयार करने के लिए होने वाले डेथ आडिट में सामने आया है कि हार्ट अटैक से ज्यादातर गर्भवती महिलाओं की मौत हो रही है। दो माह में 14 गर्भवती ने दम तोड़ा। इनमें आधा दर्जन से अधिक की मौत अत्यधिक खून की कमी, हाई बीपी और ब्रेन हेमरेज से हुए कार्डियक अरेस्ट से होने की पुष्टि हुई। इनमें तीन ग्रामीण और पांच शहरी क्षेत्र की गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। प्रसव के दौरान कार्डियक अरेस्ट की घटना शहरी क्षेत्र की महिलाओं में ज्यादा देखने में आ रही हैं। मातृ मृत्युदर के लिए तैयार होने वाले डाटा में भी शहरी क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की सबसे ज्यादा मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई। इसके पीछे के कारण उनमें अत्यधिक खून की कमी, हाईबीपी और ब्रेन हेमरेज रहा। विशेषज्ञ एक अन्य कारण यह भी बताते हैं कि शहरी क्षेत्र महिलाएं ग्रामीण क्षेत्र के मुकाबले शारीरिक परिश्रम कम करती हैं। यही वजह है कि प्रसव के दौरान ह्दयाघात से ग्रामीण महिलाओं की मौत के मामले कम है।

कार्डियक अरेस्ट के 70 प्रतिशत मामले
प्रसव के दौरान कार्डियक अरेस्ट से मौत के सत्तर फीसद मामले सामने आए हैं। इनमें शहरी क्षेत्र की महिलाएं ही सबसे ज्यादा होती हैं। अप्रैल और मई में मातृ मृत्युदर के आंकड़ों में सबसे ज्यादा मौत ह्दयाघात से हुई। विभिन्न कारणों से अप्रैल में चार और मई में चार महिलाओं ने प्रसव के दौरान ह्दयाघात से दम तोड़ा।

यह भी एक कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रेगनेंसी दिल और रक्त वाहिकाओं को ज्यादा काम करने पर मजबूर करती है। गर्भावस्था के दौरान बढ़ते बच्चे को पोषण देने के लिए रक्त की मात्रा 30 से 50 फीसदी तक बढ़ जाती है। ऐसे में दिल हर मिनट ज्यादा रक्त पंप करता है। इससे हार्ट रेट बढ़ जाती है। डिलीवरी के दौरान ब्लड फ्लो और ब्लड प्रेशर में अचानक बदलाव होते हैं। गर्भावस्था के दौरान मेटाबालिज्म और शरीर में अन्य बदलाव के कारण हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ता है।

विशेषज्ञ का कथन
मिश्रा, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ  ने कहा  प्रसव के दौरान कार्डियक अरेस्ट से मौत के मामलों में तीन कारण प्रमुख होते हैं। इनमें अत्यधिक खून की कमी, हाई बीपी और ब्रेन हेमरेज शामिल हैं। इन कारकों का असर हार्ट पर पड़ने से अधिकतर महिलाओं को कार्डियक अरेस्ट होता है। डा.रीता