नई दिल्ली
चुनाव आयोग ने हाल ही में राजनीतिक दलों के स्टेटस को लेकर नए नोटिफिकेशन जारी किए। इसमें आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है। वहीं, सीपीआई और एनसीपी जैसे दलों से यह दर्ज छीन लिया गया। चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब सरकार भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार सीपीआई और एनसीपी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो देने के बाद उन्हें आवंटित बंगलों को खाली करने के लिए कह सकती है। इसके अलाना तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को भी अब राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी ऑफिस खोलने के लिए आवंटित भूमि पर अधिकार गंवाना पड़ सकता है।
सूत्रों ने कहा है कि एनसीपी कई जगहों को देखने के बाद भी नई दिल्ली में पार्टी कार्यालय के लिए जमीन तय नहीं कर सकी थी। वहीं, टीएमसी को दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर 1,008 वर्ग मीटर की जमीन दी गई थी। हालांकि, ममता बनर्जी की पार्टी ने दो मंदिरों के अतिक्रमण का हवाला देते हुए आपत्ति जताया था। जमीन आवंटित होने के नौ साल बीत जाने के बाद भी टीएमसी ने कब्जा नहीं लिया था।
एक अधिकारी ने बताया, "अगर टीएमसी ने जमीन पर कब्जा कर लिया होता तो वह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खोने के बाद भी कार्यालय का निर्माण कर सकती थी। अब टीएमसी को आवंटित भूमि उन्हें मिलने की संभावना कम है। जैसे कि एनसीपी ने जमीन तय कर लिया था। वे यहां अपना पार्टी कार्यालय बना सकते हैं।'' भाकपा माले के मामले पर उन्होंने कहा कि वामपंथी पार्टी अपना केंद्रीय कार्यालय अजॉय भवन कोटला मार्ग पर रखेगी, लेकिन पुराना किला रोड स्थित टाइप-सात का बंगला खाली करना होगा। ठीक इसी तरह एनसीपी को 1, कैनिंग रोड बंगला खाली करना होगा, जो उसे पार्टी कार्यालय के लिए आवंटित किया गया था।
सूत्रों ने यह भी बताया है कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद आम आदमी पार्टी जल्द ही दिल्ली में पार्टी कार्यालय के लिए आवास या फिर शहरी मामलों के मंत्रालय से भूमि आवंटन की मांग करेगी। राजनीतिक दलों को भूमि आवंटन वाली की नीति के अनुसार, आम आदमी पार्टी को 500 वर्ग मीटर का प्लॉट मिल सकता है। क्योंकि संसद के दोनों सदनों में इसके 15 से कम सांसद हैं।