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रामलला के पुजारियों का ड्रेस कोड एक जुलाई से प्रभावी हो जाएगा, पगड़ी भी होगी अनिवार्य

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अयोध्या
रामलला के पुजारियों का ड्रेस कोड एक जुलाई से प्रभावी हो जाएगा। यह नये 20 पुजारियों की स्थाई तैनाती के बाद से लागू होगा। यह पहले से स्थाई रूप से तैनात वरिष्ठ पुजारियों पर भी लागू होगा। राम मंदिर में एकरूपता लाने के लिए वरिष्ठ पुजारी भी इससे सहमत थे।  मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री भी इसका पालन कर रहे हैं।  सहायक पुजारियों ने भी ड्रेस भी सिला ली है।

राम मंदिर के सहायक पुजारी अशोक उपाध्याय ने बताया कि श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने पुजारियों के लिए पीताम्बरी (पीली) चौबंदी और धोती के साथ साफा (पगड़ी) अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि यह ड्रेस शुरू से मान्य रही है लेकिन अनिवार्यता नहीं थी। एक जुलाई से यह व्यवस्था प्रभावी हो जाएगी। रविवार को धार्मिक न्यास समिति की होने वाली बैठक में सभी कायदे-कानूनों की जानकारी नये पुजारियों को उनके नियुक्ति पत्र के साथ दे दी जाएगी।

प्री मानसून की बारिश के बाद राम मंदिर में बारिश के पानी के रिसाव को लेकर हुए हंगामे का पटाक्षेप हो गया है। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के निर्देश पर राम मंदिर निर्माण एजेंसियों ने सभी लीकेज को अस्थाई तौर पर बंद करा दिया है। इसके कारण दो दिनों की झमाझम बारिश के बाद भी राम मंदिर में पानी का रिसाव नहीं हुआ। इसकी पुष्टि पुजारियों ने ही की है। उनका कहना है कि निर्माण एजेंसियों के अभियंताओं ने पूरी छानबीन के बाद सभी लीकेज के स्थान को बंद करने की व्यवस्था कर दी है। इसके अलावा खुली पाइपों जिसके जरिए वायरिंग हो रही थी को भी प्लास्टिक लगाकर बांध दिया गया है। इसके चलते बीती रात्रि व सुबह हुई बारिश का पानी मंदिर के अंदर नहीं गया।

अयोध्या में जोरदार बारिश के कारण सुबह छह बजे से गुल हुई बिजली देर शाम तक नहीं आई। इसके कारण श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के रामकोट स्थित कार्यालय का इन्वर्टर बैक अप भी फेल गया। इसके कारण कम्प्यूटर ने काम करना बंद कर दिया। कम्प्यूटर बंद होने से अपराह्न एक बजे सुगम दर्शन के पास का निर्माण स्थगित होगा। यह व्यवस्था सायं छह बजे तक नहीं बहाल हो सकी। हालांकि राम मंदिर में विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से चलती रही ।