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केंद्र सरकार ने परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था एनटीए में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली, छात्रों और अभिभावकों से मांगे सुझाव

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नई दिल्ली
नीट और यूजीसी नेट पेपर लीक मामले में जारी घमासान के बीच केंद्र सरकार ने परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। सरकार की ओर से नियुक्त समिति ने छात्रों और अभिभावकों से एनटीए में सुधार और/या पुनर्गठन के लिए सुझाव मांगे हैं। हाल ही में सरकार ने एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए इस हाई लेवल समिति का गठन किया था। इस समिति का उद्देश्य एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं के पारदर्शी और कदाचार मुक्त आयोजन के लिए सुझाव देना है।

गौरतलब है कि यूजीसी नेट व नीट पेपर लीक विवाद के चलते एनटीए अपनी पारदर्शिता और कामकाज के तौर तरीके को लेकर सवालों के घेरे में है। एनटीए को भंग करने की मांग की जा रही है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली समिति वेबसाइट innovateindia.mygov.in/examination-reforms-nta के माध्यम से लोगों के सुझाव और प्रतिक्रियाएं स्वीकार करेगी। कोई भी 7 जुलाई तक अपनी प्रतिक्रिया दे सकता है।

लोकसभा में शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'नीट-यूजी' में कथित अनियमितता पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से पहले नीट के मामले पर सदन में चर्चा करानी चाहिए, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण के बाद सबसे पहले इस पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है और अलग से किसी विषय पर चर्चा की परंपरा नहीं रही है।
 
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि पहले ही यह बात निर्धारित है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के समय कोई कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील करते हुए कहा कि वे अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नीट एवं अन्य सभी विषय उठा सकते हैं। सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे फिर से आरंभ हुई तो तृणमूल कांग्रेस के सांसद नूरुल इस्लाम ने सदस्यता की शपथ ली। अस्वस्थ होने के चलते वह पहले शपथ नहीं ले सके थे। इसके बाद विपक्षी सदस्य 'राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक' (नीट-यूजी) में कथित अनियमितता के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे।

बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कहा, ''आप राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान इस विषय पर बात कर सकते हैं, सरकार जवाब देगी।'' उन्होंने कहा, ''क्या आप राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा नहीं करना चाहते? सदन चलाने की जिम्मेदारी हम सभी की है…नियोजित तरीके से सदन नहीं चलाने देना संसदीय लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। जनता ने आपको सदन में नारेबाजी करने के लिए नहीं भेजा है…मैंने पहले भी कहा था कि सदन के विरोध और सड़क के विरोध में अंतर होना चाहिए।''

रीजिजू ने कहा, ''आज तक संसद के इतिहास में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद उस पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा करने की परंपरा नहीं रही है। पहली बार कांग्रेस और उसके सहयेगी दलों के सदस्य अन्य विषय पर चर्चा की मांग कर रहे हैं और आसन के निकट आए हैं, हम इसकी निंदा करते हैं।''

उन्होंने कहा, ''चर्चा के दौरान कोई भी मुद्दा आएगा, सरकार उसका जवाब देगी, लेकिन सदन को चलने दिया जाए। ''   हंगामा नहीं थमने पर लोकसभा अध्यक्ष ने दोपहर 12 बजकर करीब सात मिनट पर सदन की कार्यवाही एक जुलाई सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने 13 पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी और सभा ने कुछ पल मौन रखकर दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी।

इसके बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्य नीट के मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने की मांग करने लगे। बिरला ने सदस्यों को राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विस्तार से अपने सभी मुद्दे उठाने को कहा। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस दौरान कहा, ''हम हिंदुस्तान के छात्रों को सरकार और विपक्ष की तरफ से संयुक्त संदेश देना चाहते थे कि हम उनके मुद्दे को जरूरी मानते हैं और इसलिए हम छात्रों के प्रति सम्मान जताने के लिए नीट के मुद्दे पर विशेष चर्चा करना चाहते थे।''      लोकसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी और विपक्षी सदस्य हंगामा करते रहे। इस दौरान विपक्ष की तरफ अग्रिम पंक्ति में राहुल गांधी के साथ द्रमुक सदस्य कनिमोई खड़ी थीं। पीछे की पंक्ति में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद पवार) की सदस्य सुप्रिया सुले, द्रमुक सांसद ए. राजा, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, गौरव गोगोई तथा दीपेंद्र हुड्डा भी खड़े थे।