रांची
झारखंड उच्च न्यायालय से तथाकथित जमीन घोटाले के मामले में बेल पर रिहा होने के बाद हेमंत सोरेन एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में अपनी भूमिका अदा करते दिखेंगे। वह आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी एनडीए के सामने एक मजबूत नैतिक चुनौती प्रस्तुत करेंगे।
31 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा इस केस में गिरफ्तारी के ठीक पहले हेमंत सोरेन ने सत्ता की बागडोर अपने पार्टी के कद्दावर और विश्वस्त नेता चंपाई सोरेन को सौंप दी थी। हेमंत की गिरफ्तारी के दौरान ही पार्टी को लोकसभा चुनावों में जाना था, ऐसे में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने उनकी अनुपस्थिति में चुनाव प्रचार का बीड़ा उठाया और 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले पार्टी का प्रदर्शन इस चुनाव में काफी बेहतर रहा।
पूर्वी मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की जमानत पर रिहाई और उसके बाद की गतिविधियों से यह साफ हो गया है कि सबू में सियासी जंग तेज होगी। हेमंत शनिवार को भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। वह हूल दिवस पर 30 जून को भोगनाडीह जाएंगे। भाजपा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्व सरमा भी हूल दिवस पर राजनीतिक कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। साफ है सूबे का सियासी पारा अभी से चढ़ने लगेगा।
नेतृत्व बदलने के आसार नहीं, चुनाव की तैयारी में जुटेंगे
हेमंत सोरेन की जमानत पर रिहाई के साथ ही नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चा तेज हो गई है। झामुमो के वरीय नेताओं के मुताबिक हेमंत मंझे हुए नेता हैं, वह आगे भी अपना हर कदम पूरी परिपक्वता के साथ उठाएंगे। फिलहाल नेतृत्व बदलने के आसार नहीं है। चंपाई सोरेन कुशलता, विश्वसनीयता और पूरी ऊर्जा के साथ सरकार की बागडोर संभाल रहे हैं। हेमंत सोरेन का अगला लक्ष्य विधानसभा चुनाव होगा। समय कम है। वह चुनावी रणनीति को अंतिम रूप जल्द देंगे।
हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने बखूबी कामकाज संभाला। लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार प्रचार अभियान चलाया। उनकी स्वीकार्यता बढ़ी है। गांडेय विधानसभा उपचुनाव से निर्वाचित होकर उन्होंने अपने नेतृत्व कौशल को भी प्रमाणित किया है। विधानसभा के मानसून सत्र में हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ विधानसभा में दिखेंगे। विधानसभा चुनाव अभियान में हेमंत-कल्पना मतदाताओं को साधते दिखेंगे।