गोरखपुर
पिपराइच के हरखापुर गांव में सोमवार की रात विपिन पांडेय नामक युवक की हत्या के पीछे की वजह साफ हो गई है। हमलावरों का शिकार मोनू गौड़ था लेकिन साथ होने से विपिन पांडेय निरअपराध मारे गए। हालांकि मोनू और एक अन्य युवक विश्वास को भी गोली लगी है लेकिन दोनों खतरे से बाहर हैं। गांव के चौराहे पर हुई गोली-वारी की यह घटना अब वर्चस्व का रूप ले ली है। जिस लड़की का अपहरण हुआ उसके चाचा ने अपने साथियों के साथ मिलकर यह हमला किया था। केस दर्ज कर पुलिस ने आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक 18 दिसम्बर को एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के अपहरण का केस महुआखुर्द गांव के दिवाकर तिवारी के ऊपर दर्ज कराई थी। महिला का पति विदेश में रहते हैं जबकि वह अपनी बेटी के साथ गांव में रहती है। अपहरण के मामले में मोनू गौड़ की भूमिका भी संदिग्ध बताई गई थी। पीड़ित पक्ष को लगता था कि पूरा प्लान मोनू का ही था। लड़की के अपहरण को बिरादरी की प्रतिष्ठा से जोड़कर एक पक्ष मोनू गौड़ से दुश्मनी रखने लगा था। मोनू की महुआखुर्द में ननिहाल है वह अक्सर अपने नाना के यहां आता-जाता है। 21 फरवरी को मोनू की तलाश में उसके नाना के घर पर आरोपितों ने हमला बोला था। नाना सीताराम दिव्यांग हैं।
आरोप है कि मनबढ़ों ने मोनू गौड़ के न मिलने पर उसके नाना की ही पिटाई की और मुंह में तमंचा डालकर फायर भी किया लेकिन गोली मिस हो गई थी जिससे उनकी जान बच गई। इस मामले में सीताराम ने हरखापुर गांव के पवन, नाटे,रामपाल, तेजस्वी, अमन, पल्लवी,कुलदीप, अभिषेक, मौसम के अलावा बगल के रिठिया गांव के तीन अज्ञात युवकों पर हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया था। आरोप है कि इनमें से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
गिरफ्तारी की जगह विवेचक ने हटा दिया हत्या के प्रयास की धारा
आरोपितों की गिरफ्तारी की जगह घटना के विवेचक मणि प्रसाद ने विवेचना के दौरान गोली चलने का साक्ष्य न मिलने पर हत्या के प्रयास की धारा को हटा दिया था और पूरे मामले को हल्के में लिया था। फिलहाल इस घटना के बाद एसपी नार्थ ने विवेचक को लाइन हाजिर कर दिया है। उधर, बदले की आग में झुलस रहे आरोपितों को सोमवार की रात में मोनू गौड़ के गांव में आने की सूचना मिली जिसके बाद आरोपितों ने उस पर गांव के पटेल चौराहे पर हमला किया था। मोनू के साथ विपिन पाण्डेय भी अपने ननिहाल आया था और नानी को कुछ सामान देकर लौट रहा था। उसका इस घटना से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था लेकिन हमले में मोनू तो बच गया पर विपिन बदमाशों की गोली का शिकार हो गया।
अपहरण का आरोपित दिवाकर है जेल में
लड़की के अपहरण का आरोपित दिवाकर को केस दर्ज करने के कुछ दिन बाद यानी 29 दिसम्बर 2022 को ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वर्तमान में दिवाकर जेल में है। उसके जेल जाने के बाद पीड़ित पक्ष को पता चला कि इस अपहरण के पीछे मोनू गौड़ भी था। हालांकि एफआईआर में पीड़ित पक्ष ने उसे नामजद नहीं किया था। यहां से रंजिश की शुरुआत हुई और लड़की के चाचा ने इसे अपने प्रतिष्ठा से जोड़ लिया।