नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में बारिश से राहत मिली है तो दूसरी तरफ सड़कों से लेकर घरों तक में पानी भरने से वीवीआईपी तक की टेंशन बढ़ गई है. लुटियंस दिल्ली में सांसदों और मंत्रियों के बंगलों में पानी भर गया है. कई जगह रातभर बिजली गायब रही और लोगों को अंधेरे में रात काटनी पड़ी. सुबह नेता जब संसद सत्र में शामिल होने के लिए घरों से निकले तो हालात से जूझते देखे गए हैं. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी से लेकर सपा सांसद रामगोपाल यादव, प्रोटेम स्पीकर रहे भर्तृहरि महताब, कांग्रेस सांसद तारिक अनवर और नीति आयोग के मेंबर विनोद कुमार पॉल के बंगले में भी जलजमाव देखा गया है.
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार सुबह 8.30 बजे से शुक्रवार सुबह 8.30 बजे तक दिल्ली में 228 मिमी बारिश हुई है। यह 1936 के बाद जून महीने में 24 घंटे में हुई सबसे ज्यादा बारिश है। उस साल 28 जून को 235.5 मिमी बारिश हुई थी।
दिल्ली में जून के पूरे महीने में औसतन 80.6 मिमी बारिश होती है। पिछले 24 घंटे में ही उससे लगभग तीन गुना बारिश होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। सुबह ऑफिस और काम पर जाने वालों को जाम और जलजमाव से जूझना पड़ा थी।
हालांकि लोगों को दो महीने से जारी भीषण गर्मी से जरूर राहत मिली है। शुक्रवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 24.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 3.2 डिग्री कम है।
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 15 साल में कभी पूरे जून महीने में भी कुल 200 मिमी बारिश नहीं हुई है।
मानसून की पहली बारिश ने ही दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय के दावों की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा था कि इस बार दिल्ली वाले मानसून को पूरी तरीके से एंजॉय करेंगे। ड्रेनेज की सफाई का काम पूरा हो चुका है, लेकिन मानसून की पहली बारिश में ही जगह-जगह हुए जलभराव से उनके दावों की पोल खुल गई है।
शशि थरूर के बंगले में पानी भरा, बोले- सब बर्बाद हो गया…
लुटियंस दिल्ली में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बंगले में भी पानी भर गया है. थरूर ने एक्स पर लिखा, यह लुटियंस दिल्ली में मेरे घर के ठीक बाहर का कोना है. सुबह उठकर देखा तो मेरा पूरा घर-कमरे एक फीट पानी में डूबे हुए थे. कालीन और फर्नीचर, जमीन पर मौजूद सभी चीजें बर्बाद हो गईं. जाहिर तौर पर आसपड़ोस में बरसाती पानी की नालियां जाम हो गई हैं, इसलिए पानी को निकलने की कोई जगह नहीं है. लोगों को करंट लगने के डर से उन्होंने (विद्युत विभाग) सुबह 6 बजे से ही बिजली बंद कर दी. अपने संसद सहयोगियों को जानकारी दी कि मैं नाव के बिना वहां नहीं पहुंच सकता. लेकिन शहर सड़कों से पानी निकालने में कामयाब रहा और मैं समय पर पहुंच गया. थरूर केरल के तिरुवंतपुरम से कांग्रेस सांसद हैं.
बीजेपी सांसद बोले- रात 11 बजे बिजली गई, सुबह 9 बजे आई
ओडिशा से बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब ने कहा, मेरे घर में चारों ओर पानी भरा हुआ था. इसे निकालने की कोशिश की तो मोटर भी खराब हो गई. यह हालात सिर्फ मेरे ही बंगले में नहीं, बल्कि आसपास के सभी बंगलों में एक जैसे देखने को मिले हैं. मेरे घर में पानी घुस गया. ऑफिस में पानी घुस गया. पानी निकालने की व्यवस्था होनी चाहिए. सरकार किसी की हो. दिल्ली और पूरे देश में बारिश की जरूरत है. बारिश के पानी का भी समाधान जरूरी है. मेरे घर में पूरी रात बिजली गायब रही. गुरुवार रात 11 बिजली गई थी और शुक्रवार सुबह 9 बजे बिजली आई.
– लुटियंस में लोधी एस्टेट इलाके में सपा के राज्यसभा प्रो. राम गोपाल यादव के घर में भी पानी भर गया है. अब यहां NDMC के कर्मचारी पंप लगाकर पानी निकाल रहे हैं. यादव ने पानी निकासी को लेकर सुबह NDMC पर आरोप लगाया था. इस इलाके में केंद्रीय मंत्री और सांसद रहते हैं.
सुबह सपा सांसद राम गोपाल यादव जब संसद जाने के लिए घर से निकले तो उनके स्टाफ के सदस्यों ने मदद की और गोदी में उठाकर कार में बैठाया. यादव ने कहा, NDMC ने तैयारी नहीं की. बारिश भी देर से हुई. फिर भी उन्होंने नालों की सफाई नहीं की. अगर नालों की सफाई हो गई होती तो ऐसी स्थिति कभी नहीं बनती. लोधी स्टेट इलाके में नीति आयोग के सदस्य, मंत्री, गृह राज्य मंत्री, अन्य मंत्री, नौसेना एडमिरल जनरल रहते हैं. लेकिन जब पानी भर जाता है तो आना-जाना मुश्किल हो जाता है. आप देख सकते हैं कि संसद जाने के लिए मुझे क्या करना पड़ा. मैं सुबह 4 बजे से एनडीएमसी अधिकारियों से बात कर रहा हूं., पानी हमारे आवासों में घुस गया है.
– इसी तरह, नीति आयोग के मेंबर डॉ वीके पॉल के घर में भी पानी भरा हुआ है. यहां धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है. हालांकि एंट्री गेट पर अभी भी पानी है. पानी निकलने की व्यवस्था नहीं है. कर्मचारियों का कहना है कि पानी सूख रहा है. यहां पानी निकलने की व्यवस्था नहीं है.
– पूर्व कॉमर्स मिनिस्टर सोम प्रकाश के घर में भी पानी भरा है. कांग्रेस सांसद तारिक अनवर के घर में भी पानी भरा है. अनवर पानी में भीगते हुए बाहर निकले और रास्ते के गंदे पानी से गुजरकर गाड़ी में बैठे.
– प्रगति मैदान के सामने मथुरा रोड पर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी का सरकारी आवास है. यहां उनके घर में भी पानी भर गया है. आवास के बाहर से लेकर अंदर तक पानी भरा है. सामने सड़क भी लबालब है. हालात दर्शाते हैं कि पूरी दिल्ली में किस तरह जलभराव लोगों की समस्या बनी हुई है. कर्मचारी नालों की गाद साफ करते देखे जा रहे हैं. मथुरा रोड पर जगह-जगह पानी भरा देखा जा रहा है.
– नेशनल मीडिया सेंटर पर भी जलभराव है. गाड़ी एक एक के निकल रही हैं. बारिश के चलते पानी भर गया है. रास्ते में आवाजाही करने में दिक्कत हो रही है. ये लुटियंस दिल्ली का इलाका है और NDMC इसकी देखभाल करती है.
– दिल्ली की मेयर और AAP की नेता शैली ओबेरॉय ने कहा, हम जंगपुरा में मथुरा रोड पर हैं. मुख्य सड़क पर जलजमाव है. मैंने अधिकारियों, अपर आयुक्त और डीसी से बात की है. टीम जल्द ही यहां पहुंचेगी.
लोधी स्टेट इलाका जलमग्न
लगातार भारी बारिश के बाद लोधी एस्टेट इलाके में भीषण जलभराव देखने को मिला है. क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न है. हालात ऐसे हैं कि यहां किसी भी वाहन की आवाजाही संभव नहीं है.
दिल्ली में एम्स के आसपास सड़कें लबालब हैं. चारों तरफ जलजमाव है. रायसीना रोड, फिरोजशाह रोड में सड़कों पर पानी भरा है. आजाद मार्केट अंडरपास में जबरदस्त जलभराव के कारण बस फंस गई. यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया.
गड्ढे में गिर गए तीन मजदूर
वसंत विहार इलाके में एक निर्माणाधीन इमारत के पास गड्ढे में तीन मजदूर गिर गए. उसके बाद एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और पुलिस अधिकारियों ने बचाव अभियान चलाया. मजदूर घटनास्थल के पास अस्थायी झोपड़ियों में रह रहे थे और भारी बारिश के कारण झोपड़ियां गड्ढे में गिर गईं. 16वीं बटालियन एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर कुणाल ने कहा, हमें सूचना मिली कि एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई है. उसके बेसमेंट में पानी घुस गया है. लोगों के फंसे होने की आशंका है. हमारा बचाव अभियान जारी है.
इस आफत के बीच दिल्ली को भारत के उन शहरों से सीखने की जरूरत है जहां लोगों के पास बारिश की केवल अच्छी यादें हैं. वो किस तरह का टाउन प्लानिंग फॉलो कर रहे हैं जहां ड्रेनेज सिस्टम (Drainage system) और जबरदस्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम (public transport system) की बदौलत इस तरह की परेशानी नहीं होती.
गांधीनगर
गांधीनगर गुजरात की राजधानी है और इसे भारत के सबसे योजनाबद्ध शहरों में से एक माना जाता है. इसका टाउन प्लानिंग 1960 के दशक में किया गया था . शहर में चौड़ी सड़कें, पर्याप्त पार्किंग और कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली है, जिसके कारण ट्रैफिक जाम की समस्या कम होती है. इसके अलावा, शहर में अच्छी जल निकासी व्यवस्था है, जिसके कारण ट्रैफिक जाम और जलभराव की समस्याएं कम हैं.
चंडीगढ़
चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी है और इसे स्वतंत्र भारत का पहला नियोजित शहर माना जाता है. इसका टाउन प्लानिंग फ्रांसीसी-स्विस वास्तुकार Le Corbusier द्वारा डिजाइन किया गया था और इसे भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक माना जाता है. शहर में चौड़ी सड़कें, हरे-भरे पेड़ और कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली है, जिसके कारण ट्रैफिक जाम की समस्या कम होती है. इसके अलावा, शहर में अच्छी जल निकासी व्यवस्था है, जिसके कारण जलभराव की समस्या बहुत कम देखने को मिलती है.
पुणे
यह महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और इसे भारत के सबसे रहने योग्य शहरों में से एक माना जाता है. शहर में चौड़ी सड़कें, पर्याप्त हरित क्षेत्र, अच्छी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और मेट्रो रेल है, जिसके कारण पुणे में ट्रैफिक जाम की समस्या कम होती है. इसके अलावा, शहर में अच्छी जल निकासी व्यवस्था है, जिसके कारण जलभराव की समस्या नहीं होती है.
नवी मुंबई
नवी मुंबई को भारत का सबसे योजनाबद्ध शहर माना जाता है. इसका टाउन प्लानिंग 1970 के दशक में किया गया था और इसमें व्यापक सड़कें, कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और पर्याप्त हरित क्षेत्र शामिल हैं. इस वजह से, नवी मुंबई में ट्रैफिक जाम और जलभराव की समस्याएं बहुत कम देखने को मिलती है.
कोच्चि
इस शहर टाउन प्लानिंग काफी अच्छी मानी जाती है. बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की बदौलत यहां ट्रैफिक जाम की समस्या कभी-कभी देखने को मिलती है. इसके अलावा, शहर में अच्छी जल निकासी व्यवस्था है, जिसके कारण जलभराव की समस्या नहीं होती है.
तिरुवनंतपुरम
तिरुवनंतपुरम केरल की राजधानी है और इसे भारत के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक माना जाता है. शहर में अच्छी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली, जिसमें बस और फेरी शामिल हैं, जिसके कारण ट्रैफिक जाम की समस्या कम होती है. इसके अलावा, शहर में अच्छी जल निकासी व्यवस्था है, जिसके कारण जलभराव की समस्या नहीं होती है.
यह अलग बात है कि किसी शहर की टाउन प्लानिंग का सफल या फेल होना उस शहर के क्षेत्रफल और जनसंख्या पर भी निर्भर करता है. दिल्ली के मुकाबले बेस्ट टाउन प्लानिंग वाले शहरों की जनसंख्या बहुत कम है. शायद इस वजह से भी इन शहरों के मुकाबले दिल्ली में ज्यादा समस्याएं हैं. यहां देखें लिस्ट-
शहर | अनुमानित जनसंख्या (2024) | अनुमानित क्षेत्रफल (किमी²) |
दिल्ली | 2.30 करोड़ | 1483 km2 |
गांधीनगर | 13.91 लाख | 2140 km2 |
चंडीगढ़ | 13.64 लाख | 114 km2 |
पुणे | 44.36 लाख | 484.61 km2 |
नवी मुंबई | 13 लाख | 344 km2 |
कोच्चि | 10 लाख | 94.88 km2 |
तिरुवनंतपुरम | 30 लाख | 2,192 km2 |
रिकॉर्डतोड़ बारिश के साथ मॉनसून की एंट्री
बता दें कि दिल्ली में मॉनसून आमतौर पर 30 जून को आता है. भारी बारिश के साथ दिल्ली में इस बार मॉनसून का आगाज हुआ है. जून के महीने में सफदरजंग में 24 घंटों में अब तक की सबसे अधिक बारिश 28 जून 1936 को 235.5 मिमी दर्ज की गई थी. इसके बाद आज, 28 जून 2024 को सफदरजंग में 228.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. IMD का कहना है कि ये अब तक का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है. हालांकि, ये अभी शुरुआत है. दिल्ली को अभी ऐसी बारिश और देखने को मिलेगी.
इससे पहले 27 जून को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने उत्तरी अरब सागर और गुजरात राज्य के शेष हिस्सों तक अपनी पहुंच बढ़ा दी थी. इस मॉनसूनी प्रगति ने राजस्थान के अतिरिक्त हिस्सों और मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण हिस्सों में भी प्रवेश किया, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से, पंजाब के कुछ क्षेत्र और उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद के अधिकांश क्षेत्र प्रभावित हुए.