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इस बार डिप्टी स्पीकर की कुर्सी किसी विपक्षी नेता को नहीं बल्कि एनडीए अपने पास ही रख सकती है, विपक्ष फिर कर सकता है बवाल

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नई दिल्ली
ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा के स्पीकर बन गए हैं मगर डिप्टी स्पीकर का पद अभी भी खाली है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस बार डिप्टी स्पीकर की कुर्सी किसी विपक्षी नेता को नहीं बल्कि एनडीए अपने पास ही रख सकती है। ऐसा करके एनडीए अब तक चली आ रही परंपरा तोड़ देगी। वहीं एनडीए के इस रुख से भी सरकार और विपक्ष के बीच तकरार बढ़ने की संभावना है। ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार के पास भी ऐसा करने की मजबूरी है क्योंकि उसे अपने सहयोगी दलों को खुश करना है।

डिप्टी स्पीकर का पद भी अपने पास ही रखेगी एनडीए?
एनडीटीवी की रिपोर्ट की मानें तो जल्द ही एनडीए डिप्टी स्पीकर के पद पर आसीन होने वाले नाम का ऐलान कर सकती है। ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से विपक्ष एक बार फिर कड़ा रुख अपना सकता है। हालांकि, यह एनडीए नीत भाजपा सरकार की मजबूरी है, क्योंकि उसके लिए चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार जैसे सहयोगियों को खुश रखने का सवाल भी है। ताकी अपनी गठबंधन सरकार में किसी भी तरह की फूट से बचा जा सके। सरकार के गठन से पहले दोनों की नजर स्पीकर पद पर थी लेकिन उस वक्त भाजपा ने झुकने से इनकार कर दिया।

इस नाम पर है चर्चा
ऐसी अटकलें हैं कि इस बार यह पद चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी को मिल सकता है। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए के सत्ता में रहने के दौरान टीडीपी के जीएमसी बालयोगी स्पीकर थे और ऐसी उम्मीद है कि अब यह पद उनके बेटे हरीश बालयोगी को मिल सकता है। टीडीपी के प्रति विश्वास दिखाने और एनडीए में आंतरिक सामंजस्य बरकरार रखने के लिए सरकार ऐसा कर सकती है। मगर सरकार के ऐसा करने से दूसरी ओर ताकतवर विपक्ष बेहद नाखुश हो सकता है।

इससे पहले विपक्ष प्रोटेम स्पीकर पाने में विफल रहा लेकिव डिप्टी स्पीकर पद के लिए प्रयासरत रहे। परंपरागत रूप से यह पद विपक्ष को ही मिलता है मगर यदि एनडीए ऐसा करती है तो इससे परंपरा टूट जाएगी। हाल ही में इमरजेंसी के मुद्दे पर संसद में चर्चा को लेकर कांग्रेस ने स्पीकर ओम बिरला से नाराजगी जताई है। स्पीकर ओम बिरला का 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में इमरजेंसी का जिक्र करना और उसे काला दिन बताना कांग्रेस को रास नहीं आया। कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा अध्यक्ष द्वारा किए गए इमरजेंसी के संदर्भ पर औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई है और इसे संसदीय परंपराओं का मजाक बताया है। इसके विरोध में कांग्रेस के केसी वेणुगोवाल में स्पीकर को पत्र भी लिखा।