नई दिल्ली
18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपातकाल का जिक्र कर उसे काला दिवस बताया। अब इस मामले पर कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है। इसी संदर्भ में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ओम बिरला से मुलाकात की।
इमरजेंसी के जिक्र से बचा जाना चाहिए थाः कांग्रेस
राहुल गांधी ने सदन में अध्यक्ष द्वारा आपातकाल के जिक्र को स्पष्ट रूप से राजनीतिक करार दिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष को इससे बचना चाहिए था। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के साथ हुई बैठक के बाद पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा स्पीकर के साथ मुलाकात एक शिष्टाचार भेंट थी। इस दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी को विपक्ष का नेता घोषित किया।
बैठक के बाद क्या बोले वेणुगोपाल?
केसी वेणुगोपाल से जब इस बारे में पूछा गया कि क्या लोकसभा अध्यक्ष के साथ हुई मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने सदन में उठे इमरजेंसी के मुद्दे का जिक्र किया, जिस पर उन्होंने कहा कि हमने संसद के कामकाज सहित अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान यह भी मुद्दा उठा। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष से इंडी गठबंधन के कई नेताओं ने भी मुलाकात की।
राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष से क्या कहा?
उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी ने आपातकाल के बारे में अध्यक्ष को जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि सदन में आपातकाल का जिक्र करना स्पष्ट रूप से एक राजनीतिक है और इसे टाला जा सकता था। वहीं, बैठक के बाद भी कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर विरोध कर रही है।
वेणुगोपाल ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
वेणुगोपाल ने भी इस मसले पर ओम बिरला को पत्र लिखा। उन्होंने इस दौरान पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले कार्य के रूप में आपातकाल पर प्रस्ताव लाने पर कांग्रेस की ओर से नाराजगी जताई। लोकसभा ओम बिरला को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि 26 जून को सदन में जो भी कुछ हुआ वह बहुत ही चौंकाने वाला है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष द्वारा आपातकाल के जिक्र को राजनीति से प्रेरित बताया।