हजारीबाग.
नीट की परीक्षा में लगातार फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। परीक्षा के पेपर लीक होने से लेकर अब तक कई बड़े खुलासे हो चुके हैं। इस मामले में सीबीआई की टीम ने अपनी जांच के सिलसिले में हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल अहसानुल हक को अपने साथ ले गई। इससे पहले पश्चिम बंगाल में कोलकाता के एक शैक्षिक संस्थान से जुड़े एक व्यक्ति को नीट मामले में गिरफ्तार किया गया था।
दरअसल, व्यक्ति पर नीट मेरिट लिस्ट में जगह दिलाने का वादा कर छात्र के माता-पिता से पैसे लेने का आरोप लगाया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने छात्र को कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में एक सीट दिलाने का भी वादा किया था। अपनी शिकायत में छात्र के पिता ने बताया कि आरोपी ने व्यक्ति ने 12 लाख रुपये की मांग की थी, जिसमें उन्होंने पांच लाख रुपये का भुगतान कर चुके हैं। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
कैसे आया नीट पेपर लीक मामला
नीट पेपर लीक मामले में बिहार झारखंड में बिहार की आर्थिक अपराध शाखा (EOU) और राज्य पुलिस की अलग-अलग टीमें छापेमारी की। अभी तक अलग-अलग जगहों से करीब 30 से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। परीक्षा 5 मई को आयोजित हुई थी। नीट पेपर में धांधली की जांच के दौरान बिहार पुलिस ने जांच की तो सॉल्वर गैंग के पास 13 परीक्षार्थियों के रोल कोड मिले थे और पहली बार पता चला कि बिहार में पेपर लीक हुआ था। केंद्रीय एजेंसियों की सूचना पर पटना पुलिस ने शास्त्री नगर थाने में छह मई को पेपर लीक को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की। पेपर लीक की जांच का मामला 10 मई शुक्रवार को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंप दिया गया।