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CM केजरीवाल को CBI ने किया गिरफ्तार, डबल शिकंजे से निकलना हुआ मुश्किल

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नई दिल्ली
 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ जहां लग रहा था कि जल्द ही उन्हें मनी लांड्रिंग के केस से निजात मिलने वाली है, वहीं दूसरी तरफ अब सीबीआई के फंदे ने उन्हें जकड़ लिया है। सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बेल मिलने के बाद उन्हें दो जून को फिर से अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद तिहाड़ जेल जाना पड़ा था। इसके बाद से लगातार आम आदमी पार्टी विरोध प्रदर्शन करती आ रही है। एक तरफ निचली अदालत के जमानत देने के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी, वहीं दूसरी तरफ सीबीआई की पूछताछ के बाद यह लग रहा है कि केजरीवाल के जेल से बाहर आने में समय लगने वाला है।

दोहरे शिकंजे की वजह से केजरीवाल के लिए अब जेल से रिहाई का रास्ता मुश्किल हो गया है।

केजरीवाल को बुधवार सुबह तिहाड़ जेल से राउज एवेन्यू कोर्ट लाया गया। इस दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी अदालत पहुंचीं। केजरीवाल को स्पेशल जज अमिताभ रावत के सामने पेश किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि सीबीआई पक्षपाती तरीके से काम कर रही है। उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले सीबीआई के आवेदन पर जवाब दाखिल करने की अनुमति मांगी।

सीबीआई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील डीपी सिंह ने कहा, 'हम इसे चुनाव से पहले या उस दौरान कर सकते थे, लेकिन नहीं किया। हमने इस अदालत से अनुमति ली।' सीबीआई ने कोर्ट से कहा, 'क्या हम अपना काम नहीं करें? कानून नहीं कहता है कि मुझे उन्हें बताना होगा कि मैं कब कब जाऊंगा और जांच करूंगा।' सिंह ने कहा, 'यही चीज के कविता के केस में भी हुई। मुझे सिर्फ कोर्ट की अनुमति चाहिए। मैं अनुमति मांग रहा हूं क्योंकि वह न्यायिक हिरासत में हैं। जांच करना है या नहीं यह मेरा अधिकार है।' इस पर कोर्ट ने कहा, 'चूंकि आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं उन्होंने पूछताछ की इजाजत मांगी। उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।'

केजरीवाल के वकील ने कहा, 'हमें मौका नहीं दिया गया। हम रिमांड के आवेदन पर अपना जवाब दाखिल करना चाहते हैं। यदि हम जवाब दाखिल करेंगे तो आसमान नहीं गिर पड़ेगा।' इस पर सीबीआई ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 41A नोटिस की आवश्यकता थी या नहीं इस पर बाद में विचार हो सकता है।

चौधरी ने कहा, 'मीलॉर्ड यदि आपने गिरफ्तारी की अनुमति दी, आप अपने कंधे पर रखकर उन्हें बंदूक चलाने की अनुमति देंगे।' कोर्ट ने इस पर कहा, 'मैं इस बात से सहमत हूं कि उन्हें गिरप्तारी को जस्टिफाई करना होगा।' चौधरी ने कहा कि सीबीआई के आवेदन को मंजूर किए जाने से पहले नोटिस दिया जाए।

केजरीवाल की ओर से चौधरी ने कहा, 'प्रभावी सुनवाई का मौका ना देना मेरे मौलिक अधिकारों से इनकार है। मुझे उचित जवाब देने का मौका दिया जाए। मैं इसे आज दाखिल कर दूंगा। कल इसकी सुनवाई कर ली जाए।' सीबीआई ने यह कहते हुए केजरीवाल की गिरफ्तारी की अनुमति मांगी की नोटिस देने की कोई आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने केजरीवाल से पूछताछ की अनुमति देते हुए गिरफ्तारी के समर्थन में दस्तावेज मांगे। कोर्ट ने कुछ मिनटों बाद ही केजरीवाल को आधिकारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।

केजरीवाल की रिहाई हुई मुश्किल
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट ने जमानत दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। अब सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल के लिए रिहाई का रास्ता मुश्किल हो गया है। उन्हें नए सिरे से कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। केजरीवाल को ईडी केस में यदि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल भी जाती है तो उन्हें जेल में ही रहना होगा। जमानत के लिए एक बार फिर उन्हें निचली अदालत से ऊपरी अदालत तक के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।

शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचा रिश्वत लेने का आरोप
ईडी और सीबीआई का दावा है कि दिल्ली में वित्त वर्ष 2021-22 की शराब नीति में ऐसे प्रावधान किए गए जिससे निजी कारोबारियों को फायदा मिला। आरोप है कि बदले में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने शराब कारोबारियों से रिश्वत ली। आम आदमी पार्टी को भी इस केस में आरोपी बनाया गया। ईडी का दावा है कि इन रुपयों का इस्तेमाल गोवा चुनाव में किया गया। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए केस को राजनीतिक साजिश बताया है।