ग्रोस आइलेट (सेंट लूसिया)
रिकॉर्ड तोड़ शतक बनाने से चूक गए लेकिन भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के लिये निजी उपलब्धियां मायने नहीं रखते और उनका एकमात्र लक्ष्य गेंदबाजों को मैदान के चारों ओर शॉट लगाकर उन पर दबाव बनाना था। रोहित ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ सुपर आठ चरण के आखिरी मैच में 41 गेंद में सात चौकों और आठ छक्कों से 92 रन की आक्रामक पारी खेली जिससे भारत ने पांच विकेट पर 205 रन का मौजूदा टूर्नामेंट का अपना सर्वोच्च स्कोर बनाकर 24 रन से जीत दर्ज की। टी20 विश्व कप में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के क्रिस गेल के नाम है जिन्होंने 2016 में 47 गेंदों में तिहरा अंक छुआ था। रोहित इस रिकॉर्ड को तोड़ने के बिल्कुल करीब थे। मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए रोहित ने कहा कि वह बस उसी अंदाज में बल्लेबाजी करना चाहते थे जैसे अब तक करते आए हैं।
रोहित ने मैच के बाद कहा, ‘‘जब आप खुले दिमाग से खेलते हैं और सिर्फ एक शॉट के बारे में नहीं सोचते तो आप मैदान के सभी हिस्सों में रन बना सकते हैं। यह एक अच्छा विकेट था और आप शॉट खेलने के लिए खुद को तैयार करना चाहते हैं। मैं पिछले कुछ वर्षों से ऐसा करने की कोशिश कर रहा हूं और मुझे खुशी है कि आज यह संभव हो पाया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अर्धशतक और शतक मायने नहीं रखते, मैं बस उसी अंदाज से बल्लेबाजी करना चाहता था जैसे करता आया हूं। आप बड़ा स्कोर बनाना चाहते हैं। हां, लेकिन साथ ही आप चाहते हैं कि गेंदबाज सोचें कि अगला शॉट कहां आएगा और मुझे लगता है कि मैं आज ऐसा करने में कामयाब रहा।’’
तेज हवा के बीच बल्लेबाजी करने के संदर्भ में रोहित ने कहा, ‘‘मैंने पहले ओवर से ही सोचा था कि तेज हवा चल रही है। उन्होंने अपनी योजना बदली और हवा के विपरीत गेंदबाजी की इसलिए मुझे लगा कि मुझे ऑफ साइड में भी शॉट खेलने होंगे। आपको हवा का भी ध्यान रखना होगा और समझना होगा कि गेंदबाज भी समझदार हैं और मैदान के सभी तरफ शॉट खेलने होंगे।’’
रोहित ने यह भी कहा कि उन्हें पता था कि कलाई का स्पिनर कुलदीप यादव वेस्टइंडीज की पिचों पर काफी उपयोगी साबित होगा। कुलदीप ने चार ओवर में 24 रन देकर दो विकेट लिये। रोहित ने कहा, ‘‘कुलदीप की ताकत हमें पता है लेकिन उसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर ही करना है। न्यूयॉर्क में पिचें तेज गेंदबाजों की मददगार थी लेकिन हमें पता था कि वह यहां असरदार होगा।’’ आस्ट्रेलिया के कप्तान मिशेल मार्श ने कहा, ‘‘यह निराशाजनक है। भारतीय टीम हमसने बेहतर थी। हमने पिछले 15 साल में देखा है कि इस तरह के मूड में खेलने पर रोहित क्या कर सकता है। इस तरह के लक्ष्य का पीछा करते हुए प्रति ओवर दस रन बनाने होते हैं लेकिन भारतीय टीम हमसे काफी बेहतर थी।’’