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तीसरे कार्यकाल में तीन गुना बेहतर तरीके से चलाएंगे सरकार : मोदी

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तीसरे कार्यकाल में तीन गुना बेहतर तरीके से चलाएंगे सरकार : मोदी

देश जिम्मेदार विपक्ष चाहता है, हमारी सरकार सहमति के साथ चलने का प्रयास करेगी : प्रधानमंत्री मोदी

आपातकाल की 50वीं बरसी पर देशवासी संकल्प लें ताकि फिर कोई इसे लागू करने की हिम्मत ना करे: मोदी

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वीं लोकसभा की कार्यवाही शुरु होने से पहले आज चुनकर आये सांसदों का अभिवादन करते हए सभी से जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरने का आग्रह किया और कहा कि वह सबकी सहमति से सरकार चलाएंगे इसलिए उन्हें उम्मीद है कि विपक्ष जिम्मेदारी से काम कर जन भावनाओं पर खरा उतरेगा।
मोदी ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा “देश के 65 करोड़ लोगों ने 18वीं लोकसभा के प्रतिनिधियों को आकांक्षाओं के साथ चुनकर भेजा है। जनता ने जो भरोसा जताया है, हम सबको मिलकर उनकी आकांक्षाओं पर खरा उतारना होगा।” उन्होंने विश्वास दिलाया कि वह सबकी सहमति से सरकार चलाएंगे और विपक्षी दलों से उम्मीद जताई है कि वे भी जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतर कर काम करेंगे।
उन्होंने कहा “संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हम अपने बनाये नये संसद भवन में शपथ लेने जा रहे हैं। अब तक यह प्रक्रिया पुराने संसद भवन में हुआ करती थी। आज का दिन विशेष महत्वपूर्ण है और इस अवसर पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का अभिनंदन करता हूं और सबको शुभकामनाएं देता हूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “विकसित भारत 1947 जैसे कई संकल्पना को लेकर आज 18वीं लोकसभा का आरंभ हो रहा है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का चुनाव बड़े शांत और गौरवपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ है। यह हम सबके लिए गौरव की बात है। करीब 65 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने चुनाव में हिस्सा लिया।”
उन्होंने 2024 के चुनाव को महत्वपूर्ण बताया और कहा, “यह चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने के लिए देश की जनता ने अवसर दिया है और यह अवसर लंबे समय बाद देश में आया है इसलिए यह सब हम सबके लिए गौरव का विषय है। जनता ने तीसरे कार्यकाल के लिए हमारी सरकार को मौका दिया और इसका मतलब है कि उन्होंने हमारे काम पर भरोसा किया है और उस पर मुहर लगाई है। इसके लिए मैं देशवासियों का आभार व्यक्त करता हूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा “देश चलाने के लिए सहमति होती है और सरकार बनाने के लिए बहुमत होता है इसलिए हमारा लक्ष्य है कि सबको साथ लेकर और सबकी सहमति से देश की जनता की सेवा करना है। देश के 140 करोड लोगों की आशा और आकांक्षाओं को पूरा करना है। हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं, सबको साथ संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए विकास को गति देना चाहते हैं। यह खुशी की बात है कि 18वीं लोकसभा में युवा सांसदों की संख्या अच्छी खासी है।”
आपातकाल को लोकतंत्र के लिए काला धब्बा बताते हुए उन्होंने कहा, “जो लोग देश के संविधान के प्रति समर्पित हैं देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए निष्ठावान है, उनके लिए 25 जून ना भूलने वाली तिथि है क्योंकि 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर धब्बा लगा था, उसके 50 साल कल पूरे हो रहे हैं। भारत के लोग कभी नहीं भूलेंगे कि इस दिन लोकतंत्र को पूरी तरह से दबोच दिया गया था। आपातकाल देश के संविधान में काला धब्बा था। हम संकल्प करेंगे कि संविधान के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करना है और अब कोई दूसरी बार कभी भी देश में दूसरा आपातकाल नहीं लग सकेगा।”
उन्होंने कहा “देश की जनता ने तीसरी बार मौका दिया है। यह बहुत ही महान विजय है और अब हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ गया है इसलिए देशवासी विश्वास दिलाता हूं कि हमारे पास दो बार सरकार चलाने का अनुभव है और हम पहले की अपेक्षा तीन गुना बेहतर सरकार चलाएंगे।”
मोदी ने कहा, “हम नए कार्यभार को लेकर आगे चल रहे हैं। सभी सांसदों से देश को बहुत अपेक्षा है इसलिए सबसे आग्रह करुंगा कि जनहित के लिए मील अवसर का उपयोग करें और हर संभव जनहित में कदम उठाएं।”
प्रधानमंत्री ने विकसित दलों से भी जनहित के काम करने की अपील करते हुए कहा “देश की जनता को विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा हैं। अब तक उससे निराश मिली है लेकिन अब उम्मीद है कि विपक्ष जनता की आकांक्षाओं पर खराब उतरेगा।”
उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा, “देश को अच्छे और जिम्मेदार विपक्ष का आवश्यकता है और हमें विश्वास है कि 18वीं लोकसभा में जो सांसद जीत कर आए हैं वे लोगों की आकांक्षा को पूरा करेंगे। देश को आगे बढ़ने का हम सब का दायित्व है और हम सबको मिलकर जनता जे विश्वास पर खरा उतारते हुए आगे बढ़ाना है। देश के 25 करोड़ नागरिकों का गरीबी से बाहर निकलना नया विश्वास पैदा करता है और इससे यह भी विश्वास पैदा होता है कि जल्दी ही भारत को गरीबी से मुक्त करने में सफलता हासिल करेंगे। हमें उम्मीद है कि 18वीं लोकसभा संकल्प का सदन बनेगा ताकि सामान्य नागरिक के सपने साकार हो सभी सांसदों का स्वागत करता हूं अभिनंदन करता हूं और जो देश की जनता ने दायित्व दिया है उसे हम मिलकर के बखूबी निभाएं।”
प्रधानमंत्री ने 18वीं लोकसभा को शुभ बताया और कहा “हमारे यहां 18 अंक का बहुत मूल्य है। गीता के 18 अध्याय कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश देते हैं। हमारे यहां पुराणों की संख्या भी 18 है। भारत के अमृत काल मे 18वीं लोकसभा का गठन शुभ संकेत है।”

देश जिम्मेदार विपक्ष चाहता है, हमारी सरकार सहमति के साथ चलने का प्रयास करेगी : प्रधानमंत्री मोदी

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश की जनता विपक्ष से ‘नखरे, ड्रामा, नारेबाजी और व्यवधान’ की जगह ‘ठोस काम’ और संसद की गरिमा बनाए रखने की उम्मीद करती है।

एक अच्छे और जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उनकी सरकार हर किसी की सहमति के साथ और हर किसी को साथ लेकर चलने का निरंतर प्रयास करेगी।

18वीं लोकसभा की शुरुआत के अवसर पर संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने संसदीय चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत को ‘महान और भव्य’ बताया तथा कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में उनकी सरकार पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेगी और परिणाम भी तीन गुना लाकर रहेगी।

इस अवसर पर उन्होंने साल 2047 तक ‘श्रेष्ठ और विकसित’ भारत के लक्ष्य को हासिल करने के संकल्प को दोहराया और साथ ही आपातकाल को याद करते हुए देशवासियों को इसकी 50वीं वर्षगांठ पर यह संकल्प लेने का आग्रह किया कि भारत में फिर कभी कोई यह हिम्मत नहीं कर सके।

मोदी ने कहा, ‘‘देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है। अब तक तो निराशा मिली है। इस 18वीं लोकसभा में देश उनसे विपक्ष के नाते उनकी भूमिका की अपेक्षा करता है, लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने की अपेक्षा करता है। मैं आशा करता हूं कि विपक्ष उसमें खरा उतरेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोग सदन में बहस की अपेक्षा करते हैं। लोगों को ये अपेक्षा नहीं है कि नखरे होते रहे, ड्रामे होते रहें, व्यवधान होता रहे। लोग ठोस काम चाहते हैं, नारेबाजी नहीं चाहते हैं। देश को एक अच्छे विपक्ष की आवश्यकता है, जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है और मुझे पक्का विश्वास है कि इस 18वीं लोकसभा में हमारे जो सांसद जीतकर के आए हैं, वो सामान्य जन की उन अपेक्षाओं को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे।’’

प्रधानमंत्री का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विपक्षी दलों ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है और संकेत दिए है कि पेपर लीक सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि कि सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हर किसी की सहमति के साथ, हर किसी को साथ लेकर के मां भारती की सेवा करें, 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं को परिपूर्ण करें। हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं, सबको साथ लेकर के संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए निर्णयों को गति देना चाहते हैं।’’

आपातकाल को याद करते हुए मोदी ने कहा कि जो लोग संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित हैं और जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है।

उन्होंने कहा, ‘‘कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। संविधान को समाप्त कर दिया गया था। देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था।’’

आपातकाल के बीते 50 सालों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इसकी 50वीं वर्षगांठ के मौके पर गौरव के साथ संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र व लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हम संकल्प करेंगे जीवंत लोकतंत्र का, हम संकल्प करेंगे भारत के संविधान की निर्दिष्ट दिशा के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करने का।’’

लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि देश की जनता ने तीसरे कार्यकाल के लिए राजग सरकार को पसंद किया है जो कि उसकी नीयत, नीतियों और जनता-जनार्दन के प्रति उसके समर्पण भाव पर मुहर है।

उन्होंने कहा कि करीब 65 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने इसमें हिस्सा लिया और यह इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण बन गया है क्योंकि आजादी के बाद जनता ने दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर दिया है और यह 60 साल के बाद आया है जो कि अपने आप में बहुत बड़ी गौरवपूर्ण घटना है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत ही महान विजय है। बहुत ही भव्य विजय है। और तब हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ जाता है। हमें तीसरी बार मौका दिया है… दो बार सरकार चलाने का अनुभव हमारे साथ जुड़ा है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में हम पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेंगे। हम परिणामों को भी तीन गुना लाकर के रहेंगे। इस संकल्प के साथ हम इस नए कार्यभार को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नए उमंग, नए उत्साह के साथ नई गति, नई ऊंचाई प्राप्त करने के लिए ये अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। श्रेष्ठ भारत निर्माण, विकसित भारत 2047 तक का लक्ष्य, ये सारे सपने लेकर के, ये सारे संकल्प लेकर के आज 18वीं लोकसभा का सत्र प्रारंभ हो रहा है।’’

18वीं लोकसभा में युवा सांसदों की अच्छी खासी संख्या का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत से परिचित लोगों को पता है कि हमारे यहां 18 अंक का बहुत सात्विक मूल्य है।

उन्होंने गीता के 18 अध्याय, पुराणों और उप-पुराणों की संख्या भी 18 होने का जिक्र किया और कहा कि इसका मूलांक नौ है और नौ पूर्णता की गारंटी देता है।

उन्होंने कहा, ‘‘नौ पूर्णता का प्रतीक अंक है। 18 वर्ष की आयु में हमारे यहां मताधिकार मिलता है। 18वीं लोकसभा भारत के अमृतकाल की, इस लोकसभा का गठन, वो भी एक शुभ संकेत है।

18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो गया। इसके पहले और दूसरे दिन नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण होगा। प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए गए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य भर्तृहरि महताब नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे।

बुधवार को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। राज्यसभा का सत्र बृहस्पतिवार से शुरू होगा।

संसद का यह सत्र तीन जुलाई तक प्रस्तावित है।

आपातकाल की 50वीं बरसी पर देशवासी संकल्प लें ताकि फिर कोई इसे लागू करने की हिम्मत ना करे: मोदी

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपातकाल को लोकतंत्र पर लगा ‘काला धब्बा’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि इसकी 50वीं बरसी के मौके पर देशवासी यह संकल्प लें कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं करेगा।

18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत के अवसर पर संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘‘कल 25 जून है। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित है, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं… उनके लिए 25 जून ना भूलने वाला दिवस है। कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि उस समय कैसे देश के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, देश को जेल खाना बना दिया गया था और लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘आपातकाल के ये 50 साल इस संकल्प के हैं। गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए… भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए… देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था।’’

देश में 25 जून, 1975 को आपातकाल घोषित किया गया था और यह 21 मार्च, 1977 तक जारी रहा। इस अवधि को नागरिक स्वतंत्रता के निर्मम दमन के तौर पर देखा जाता है। इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इस कदम का विरोध करने वाले नेताओं को गिरफ्तार किया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपाताल की 50वीं बरसी के मौके पर मंगलवार को ‘हम संकल्प करेंगे जीवंत लोकतंत्र का, और भारत के संविधान में निर्दिष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करने का’।

लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि भारत के संविधान के निर्दिष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करने के लिए देश की जनता ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को लगातार तीसरी बार मौका दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत ही महान विजय है। बहुत ही भव्य विजय है। और तब हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ जाता है। हमें तीसरी बार मौका दिया गया है… दो बार सरकार चलाने का अनुभव हमारे साथ जुड़ा है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में हम पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेंगे। हम परिणामों को भी तीन गुना लाकर के रहेंगे। इस संकल्प के साथ हम इस नए कार्यभार को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।’’

18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इसके पहले और दूसरे दिन नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण होगा। प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए गए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य भर्तृहरि महताब नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे।

बुधवार को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। राज्यसभा का सत्र बृहस्पतिवार से शुरू होगा।

संसद का यह सत्र तीन जुलाई तक प्रस्तावित है।