नईदिल्ली
देशभर में कोरोना के मामलों की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है और पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना के 10,158 मामले सामने आए हैं. 7 दिन पहले यानी 6 अप्रैल को कोरोना के 5335 मामले सामने आए थे. यानी कहा जा सकता है कि रोजाना के मामले 7 दिन में लगभग दोगुने हो गए हैं. वहीं बुधवार को 7830, मंगलवार को 5676 और सोमवार को 5880 मामले सामने आए थे. अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है और कुछ राज्यों में फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.
कोरोना को लेकर एक चिंता वाली खबर सामने आई है कि एक नया वैरिएंट भारत पहुंचा है और यह काफी खतरनाक है. इस नए वैरिएंट का नाम आर्कटुरस (Arcturus) है जो क्रैकेन वैरिएंट की तुलना में 1.2 गुना अधिक संक्रामक है. आर्कटुरस वैरिएंट क्या है, एक्सपर्ट की क्या राय है, इसके लक्षण, इलाज और बचाव के तरीके क्या हैं? इस बारे में भी जान लीजिए.
क्या है आर्कटुरस वैरिएंट
आर्कटुरस वैरिएंट के बारे में कहा जाता है कि यह ओमिक्रॉन के 600 से अधिक सब वैरिएंट में से एक है. इसे अब तक का सबसे संक्रामक संस्करण माना जा रहा है. 'आर्कटुरस' नाम है ओमिक्रॉन सबवेरिएंट XBB.1.16 को दिया गया है. यह क्रैकेन वेरिएंट (XBB.1.5) के समान है. यह वैरिएंट पहली बार जनवरी में पाया गया था.न्यू यॉर्क इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी शो के राजेंद्रम राजनारायणन (Rajendram Rajnarayanan) के मुताबिक, आर्कटुरस वैरिएंट कैलिफोर्निया, अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, वाशिंगटन, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क, वर्जीनिया और टेक्सास सहित अमेरिका समते 22 देशों में पाया गया है लेकिन इसके सबसे अधिक मामले इंडिया में पाए गए हैं.
आर्कटुरस के कारण भारत में संक्रमण के मामलों में पिछले महीने के अंदर 13 गुना वृद्धि हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसकी निगरानी की जा रही है और कुछ ऑफिसर्स के मुताबिक यह वैरिएंट चिंता का विषय हो सकता है.
WHO की कोविड टेक्निकल लीड मारिया वैन केरखोव ने मार्च 2023 के आखिरी में XBB.1.16 वैरिएंट के बारे में कहा था, 'इस नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में एक अतिरिक्त म्यूटेशन है जो संक्रामकता और बीमारी पैदा करने की क्षमता को बढ़ा सकता है. यह अभी तक का सबसे तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना के अन्य वैरिएंट की तुलना में यह अधिक घातक हो सकता है. महामारी के शुरुआती दिनों के विपरीत अभी जो कोरोना के मामले आ रहे हैं उनके लक्षम फ्लू से मिलते-जुलते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना के मामले अगले 10-12 दिनों तक बढ़ते रहेंगे लेकिन इसके बाद कम होना शुरू हो जाएंगे.
कितना खतरनाक है आर्कटुरस वैरिएंट
डॉ. मारिया के मुताबिक, नए वैरिएंट के संक्रमण की गंभीरता में अभी तक कोई परिवर्तन नहीं हुआ है लेकिन बायोलॉजी रिसर्च की वेबसाइट BioRxiv पर पब्लिश टोक्यो यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च ने बताया है कि आर्कटुरस वैरिएंट, क्रैकन वैरिएंट की तुलना में लगभग 1.2 गुना अधिक संक्रामक है. आने वाले समय में यह दुनिया भर में फैल जाएगा.
'आर्कटुरस' के स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन है जिसके बारे में वर्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि यह लोगों को संक्रमित करने की क्षमता के साथ-साथ यह अन्य बीमारियों का जोखिम भी बढ़ा सकता है. हालांकि अभी तक इसके कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आए हैं कि यह गंभीरता को और बढ़ा रहा है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, नए वैरिएंट में होने वाले म्यूटेशन इम्यूनिटी के लिए और अधिक मुश्किल पैदा कर सकते हैं हालांकि अभी इस बात का दावा नहीं किया जा सकता है कि आर्कटुरस वैरिएंट में पहले के अन्य वैरिएंट्स से फैले संक्रमण के खिलाफ लगाई गई वैक्सीन या डेवलप की गई इम्यूनिटी को चकमा देना की ताकत है या नहीं.
आर्कटुरस वैरिएंट के लक्षण
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यह वैरिएंट बच्चों में ऐसे नए लक्षण पैदा करता है जो ओमिक्रॉन के अन्य वैरिएंट में नहीं देखे गए थे. WHO के वैक्सीन सेफ्टी नेट के सदस्य, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पूर्व संयोजक और मंगला हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, बिजनौर के कंसल्टेंट डॉ. विपिन वशिष्ठ (Dr. Vipin Vashishtha) के मुताबिक, तेज बुखार, खांसी, आंखों में खुजली, आंखों में चिप-चिपापन, गुलाबी आंखें इस नए वैरिएंट के लक्षण हैं.
आरटीआई इंटरनेशनल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ रिचर्ड रीथिंगर (Richard Reithinger) ने फॉर्च्यून से कहा, 'शायद यह बताना जल्दबाजी होगी कि क्या वायरस के लक्षण बदल गए हैं या पहले की ही तरह हैं. कंजंक्टिवाइटिस जो एक तरह का संक्रामक नेत्र रोग है उसे भी कोरोना के नए लक्षण के रूप में बताया जा रहा है.'
कोविड के पुराने लक्षण जो संक्रमण की पुष्टि करते हैं जैसे सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, गले में खराश, नाक बहना और खांसी आदि इस वैरिएंट के भी लक्षण हो सकते हैं
नेब्रास्का मेडिसिन के ट्रूह्लसेन आई इंस्टीट्यूट के मुताबिक, कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों में आंखों में खुजली होना, पानी आना, लाल होना, सूजन, दर्द, जलन, खुजली आदि शामिल है. न्यूयॉर्क इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एसोसिएट प्रोफेसर राज राजनारायणन के मुताबिक, XBB.1.16 और अन्य वैरिएंट में कॉम्पिटिशन करने का भाव है इसलिए नए वैरिएंट तेजी से विकसित हो रहे हैं.
आर्कटुरस से बचने के तरीके
अगर किसी को लक्षण नजर आते हैं सबसे पहले अपने आपको आइसोलेट कर ले और फिर कोरोना की जांच कराए. वहीं मौसम बदलने के कारण फ्लू के मामलों में भी वृद्धि हुई है जिसके लक्षण कोरोना जैसे हैं. हो सकता है आपको सामान्य फ्लू हो. इसलिए बिना जांच कराए और डॉक्टर की सलाह लिए बिना कोई भी दवाई ना लें.
इसके अलावा मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, नियमित रूप से हाथ धोएं, वैक्सीन लगवाएं और पब्लिक गेदरिंग से बचें.