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लोकसभा जैसी नहीं रहेगी विधानसभा में बात; पवार ने CONG को दिखाए तेवर

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मुंबई

लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के साथ मिलकर लड़ने वाली शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसपी) ने विधानसभा चुनाव से पूर्व अपने तेवर दिखा दिए हैं। पवार ने गठबंधन में शामिल दोनों ही दलों को साफ शब्दों में कहा है कि लोकसभा चुनाव में तो हम कम सीटों पर चुनाव लड़ लिए, लेकिन विधानसभा में हमारी पार्टी समझौता नहीं करेगी। शरद पवार ने शुक्रवार को पुणे शहर और जिले के पार्टी पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की और इसके बाद विधायकों और नवनिर्वाचित सांसदों के साथ भी एक बैठक की थी। इसी दौरान उन्होंने अपना स्टैंड साफ किया।

एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के पुणे प्रमुख प्रशांत जगताप भी पहली बैठक में शामिल हुए थे। जगताप ने बताया कि बैठक में पवार ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि एनसीपी ने लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर चुनाव सिर्फ इसलिए लड़ा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शिवसेना और कांग्रेस के साथ गठबंधन बरकरार रहे। जगताप ने कहा,‘‘ उन्होंने संकेत दिए हैं कि विधानसभा चुनाव में स्थिति अलग होगी।’’

उन्होंने बताया कि शरद पवार पुणे, बारामती, मावल और शिरूर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में स्थिति की भी समीक्षा की। दूसरी बैठक में शामिल हुए पार्टी के एक अन्य नेता ने बताया कि पवार ने सांसदों और विधायकों से विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा।

वहीं, एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह सीट बंटवारे के दौरान कितनी सीटें मांगेगी।

विधानसभा से पहले एमएलसी चुनाव पर नजर
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधान परिषद में विधायक कोटे से 11 सीट के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होगी। प्रदेश के 288 सदस्यीय सदन में 14 सीट रिक्त होने के चलते, निर्वाचकों की संख्या 274 है, तथा विजयी उम्मीदवार के लिए कोटा 23 है। संख्या बल को देखते हुए एमवीए को 11 में से दो और सत्तारूढ़ गठबंधन को नौ सीट मिल सकती हैं।

कांग्रेस एक उम्मीदवार को एमएलसी के रूप में निर्वाचित करा सकती है, जबकि शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) एक उम्मीदवार को एमएलसी के रूप में निर्वाचित करा सकती हैं। भाजपा पांच उम्मीदवार को एमएलसी के रूप में निर्वाचित करा सकती है, जबकि शेष चार को सहयोगी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ सकती है। चुनाव 12 जुलाई को होने हैं और नामांकन 25 जून से शुरू होंगे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 103 विधायक हैं, अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के 40, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 38 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के 37 विधायक हैं, शिवसेना (यूबीटी) के 15 और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के 10 विधायक हैं।