वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है. इस दिन वैशाख पूर्णिमा भी होती है. जिस तरह से हिंदू धर्म के लोगों के लिए वैशाख पूर्णिमा का महत्व है, उसी तरह से बौद्ध धर्म के लोगों के लिए बुद्ध पूर्णिमा का महत्व है. इस तिथि का भगवान बुद्ध् के जीवन से गहरा जुड़ाव है क्योंकि इस तिथि को उनका जन्म हुआ था. इस साल बुद्ध पूर्णिमा पर सिद्धि योग बना है और भद्रा भी है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और महत्व के बारे में.
बुद्ध पूर्णिमा 2023 तिथि
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 04 मई गुरुवार को रात 11 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 05 मई शुक्रवार को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा. बुद्ध पूर्णिमा के लिए उदयातिथि की मान्यता है, इसलिए इस साल बुद्ध पूर्णिमा 05 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी.
बुद्ध पूर्णिमा पर सिद्धि योग और भद्रा
05 मई को सिद्धि योग प्रात:काल से लेकर सुबह 09 बजकर 17 मिनट तक है. इस दिन स्वाती नक्षत्र भी सुबह से लेकर रात 09 बजकर 40 मिनट तक है. इस दिन का शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है.
बुद्ध पूर्णिमा के दिन भद्रा सुबह 05 बजकर 38 मिनट से सुबह 11 बजकर 27 मिनट तक है. इस भद्रा का वास स्थान पाताल है. इसका दुष्प्रभाव पृथ्वी पर नहीं होगा.
बुद्ध पूर्णिमा 2023: भगवान बुद्ध के जीवन की 5 विशेष बातें
- 1. भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा के दिन लुम्बिनी में हुआ था. इस वजह से इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं. बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती भी कहते हैं. इस साल 2023 में भगवान बुद्ध की 2585वीं जयंती होगी.
- 2. बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही बोधगया में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इस वजह से भी इस तिथि का महत्व है.
- 3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा तिथि को ही कुशीनगर में भगवान बुद्ध के जीवन का अंत हुआ था. बुद्ध पूर्णिमा तिथि उनके जन्म, मृत्यु और ज्ञान प्राप्ति के महत्वपूर्ण पड़ावों में शामिल है.
- 4. हिंदू धर्म में भगवान बुद्ध को श्रीहरि विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है.
- 5. भगवान बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना की, लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संदेश दिया. दुनियाभर में उनको मानने वाले अनुयायी हैं.