नई दिल्ली
नीट यूजी 2024 में कथित गड़बड़ी से उपजे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर मेडिकल प्रवेश परीक्षा की काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। एमबीबीएस, बीडीएस समेत विभिन्न मेडिकल कोर्सेज में नीट यूजी स्कोर के आधार पर दाखिले के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया पूर्व निर्धारित तिथि 6 जुलाई से ही शुरू होगी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने कुछ नई याचिकाओं पर एनटीए से जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने इन नई याचिकाओं को इसी मुद्दे से जुड़ी अन्य लंबित याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध कर दिया है जिन पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता के वकील ने अनुरोध किया कि काउंसलिंग 6 जुलाई से स्थगित कर दी जाए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को नीट यूजी परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है।
लाइव लॉ वेबसाइट के मुताबिक शार्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा, ' नीट काउंसलिंग कोई अचानक खुलने और बंद होने वाली चीज नहीं है। यह एक प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया 6 तारीख से शुरू होगी । पहले शेड्यूल की अवधि क्या है? क्या यह चार दिन या पांच दिन है? एक सप्ताह… इसके बाद, उस सप्ताह के भीतर, आवेदकों के पास संशोधन आदि के लिए कई विकल्प होते हैं… इसके बाद ही यह कन्वेनर के पास आता है। हम समय बर्बाद नहीं होने दे रहे हैं, चाहे इस तरफ या उस तरफ। स्टूडेंट्स को कॉलेजों के ऑप्शन्स का पता चल जाएगा।' इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी के आयोजन को चुनौती देने वाली और पेपर लीक तथा ग्रेस मार्क्स देने से जुड़ी कथित गड़बड़ियों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे तीन उच्च न्यायालयों की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
ओरोपी छात्रों को नहीं मिली जमानत
नीट यूजी एग्जाम 2024 के पेपर लीक कांड में गिरफ्तार आरोपियों को पटना कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को गिरफ्तार 13 आरोपियों में से चार की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी जिसे कोर्ट ने टाल दिया अगली सुनवाई 25 जून को होगी। इस मामले में कोर्ट ने डायरी की मांग कर दी है। इसके साथ ही पथ निर्माण विभाग के जिस गेस्ट हाउस में आरोपी सिकंदर यादवेंदु और अनुराग ठहरे थे, उसके रजिस्टर की भी मांग की गई है। इस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपी पटना के बेऊर जेल में बंद हैं।
मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2024 परीक्षा में कथित पेपर लीक और कदाचार से संबंधित याचिकाओं पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। नीट परीक्षा रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर किसी की ओर से 0.001 प्रतिशत की भी लापरवाही हुई है तो उसे स्वीकार करें और स्टूडेंट्स में आत्मवश्विास जगाने के लिए उचित समय पर उचित कार्रवाई कर इस मामले से पूरी तरह निपटा जाना चाहिए।