मुजफ्फरपुर.
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के चर्चित किडनी कांड मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बिहार सरकार को निर्देश जारी किया है। अपने निर्देश में आयोग ने बिहार सरकार को उच्च प्राथमिकता के आधार पर ही पीड़िता के किडनी के जल्द ही प्रत्यारोपण और इलाज के लिए पर्याप्त कदम उठाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एसके झा की याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग द्वारा जारी किया गया है। इस मामले में अविलंब ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के बरियारपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2022 में गर्भाशय के ऑपरेशन के बहाने पीड़िता सुनीता देवी की दोनों किडनियों को निकाल लिया गया था। उसके बाद इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई कर कथित अस्पताल के संचालक डॉ. पवन कुमार को पकड़ लिया था। आरोपी डॉक्टर को एससी-एसटी कोर्ट ने बीते दिनों सात साल की सजा सुनाई थी और मात्र 18 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। पूरे मामले को लेकर बिहार के मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता डॉ. एसके झा ने बताया कि यह मामला मानवाधिकार के उल्लंघन की अति गंभीर श्रेणी का मामला है। इस मामले में बिना विलंब किए बिहार राज्य सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश का अनुपालन करना चाहिए। यानी पीड़ित महिला के किडनी की प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए, जिससे पीड़ित महिला की जान बच सके। गौरतलब है कि सुनीता किडनी कांड मामले में सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर के विशेष न्यायालय द्वारा दोषी डॉक्टर को सात साल की कैद और केवल 18 रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है।