जयपुर.
भारतीय जनता पार्टी ने आमजन को राहत देने के लिए जोरों शोरों से जनसुनवाई की शुरुआत की और जनसुनवाई चार दिन चली। मंत्रियों को भी जनसुनवाई में बैठाने के लिए प्रयास किए गए, लेकिन रोस्टर प्लान तैयार नहीं हो पाया। सूत्रों की माने तो मंत्रियों को जनसुनवाई की खबर तक नहीं पहुंची।
अब बजट के बहाने विधानसभा सत्र तक इस जनसुनवाई को स्थगित कर दिया गया है।
परंतु इसके स्थगन की सूचना नहीं दी गई है। जबकि जनसुनवाई की शुरुआत करने के पहले बीजेपी पदाधिकारियों द्वारा इसकी आधिकारिक सूचना दी गई थी। परंतु अब सभी नेता इस मुद्दे पर बात करने से कतराते नजर आ रहे हैं। पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा यह भी वादा किया गया था कि सरकार के मंत्री भी जनसुनवाई में शामिल होंगे और जनता को राहत दी जाएगी। जनसुनवाई के तहत एक विशेष अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को भी जोड़ने की चर्चा की गई थी। परंतु चार ही दिन में सभी दावों की हवा निकलती दिखाई दे रही है। जनसुनवाई में न मंत्री पहुंचे और न ही कोई समाधान हुआ, बस कागज इधर से उधर किए गए, जो आज से बंद हो गए। अब चर्चा है कि स्थागन के बाद अगर किसी को समस्या आती है तो पार्टी एक पदाधिकारी नियुक्त करेगी, जो जनता की समस्याओं को एकत्रित करेगा और पार्टी के नेताओं को अवगत करवाएगा। इन दिनों जनता की समस्या सुनने के लिए भाजपा ने दो घंटे का समय तय किया। भारतीय जनता पार्टी ने शुरुआत खंडार विधायक जितेन्द्र गोठवाल से की। गोठवाल जनता की समस्याओं को सुनकर मंत्रियों के यहां पर भेज रहे हैं। जनसुवाई में रोज 200 शिकायतें आ रही हैं। हालांकि, जितेन्द्र गोठवाल का कहना था कि बजट के चलते थोड़ा व्यवस्थाओं में परिवर्तन करने का विचार पार्टी कर रही है। जनता के हित में बजट आने वाला है। जनसुनवाई में भी कई समस्याएं आई हैं। हमने उन समस्याओं को मार्क कर भेजवाने के निर्देश भी दिए हैं।