जयपुर.
जयपुर के सर्राफा बाजार में जैन पायल आगरा द्वारा अपनी ब्रांड नाम से नकली पायल और ब्रेसलेट मिलने की सूचना विगत कई दिनों से कंपनी को मिल रही थी। इस शिकायत की पुष्टि करने के लिए सर्राफा बाजार में जांच करने पर पता चला कि ज्यादातर दुकानदार हूबहू जैन ब्रांड के नाम का दुरुपयोग करते हुए ज्वैलरी बेच रहे हैं।
इस मामले की सच्चाई जानने के लिए कुछ दुकानदारों से माल खरीदकर नकली की सत्यता परखी गई। जांच में सच्चाई सामने आने पर कोर्ट में एक याचिका लगाई गई। इस मामले में तीस हजारी कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने एक ऑर्डर जारी किया। इस आदेश में एक लोकल कमिश्नर नियुक्त किया गया, जिसने जयपुर में तीन दुकानों की पहचानकर कोर्ट कार्रवाई की। इस कार्रवाई में 9 से 10 किलो चांदी प्राप्त की गई। इस पूरे मामले को लेकर मीडिया के सामने सच्चाई लाने के लिए जैन पायल कंपनी का प्रतिनिधित्व करते हुए कोर्ट के आदेशानुसार लोकल कमिश्नर के साथ कंपनी के प्रतिनिधि प्रिंस गुप्ता ने जयपुर प्रेसवार्ता कर पत्रकारों को इस मामले की पूरी जानकारी दी।
कॉपीराइट एक्ट के तहत कार्रवाई
प्रिंस ने बताया कि आगरा के जैन पायल (ब्रांडेड ट्रेडमार्क से रजिस्टर्ड) कंपनी के नाम से जयपुर में घटिया और डुप्लीकेट ज्वैलरी बनाकर बेची गई। कंपनी का नाम बदनाम किया गया। इस मामले में जयपुर में ज्वैलरी की तीन दुकानों के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।