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दीक्षांत समारोह में पिछले 2 सत्रों के छात्रों को भी शामिल करने की मांग, NSUI ने दी आंदोलन की चेतावनी

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रायपुर

 

रायपुर के पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति को NSUI के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा है। NSUI ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कोरोना काल सत्रों के विद्यार्थियों को कार्यक्रम में शामिल नहीं करने का विरोध किया है। उनका कहना है कि ये छात्र-छात्राओं के साथ भेदभाव है, सभी को समान तरीके से उपाधि देनी चाहिए।

पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय ने अपने 26वें दीक्षांत समारोह के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसके अनुसार 2021-22 के सत्र में मेरिट लिस्ट में आने वाले विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में उपाधि दी जाएगी। इसके पिछले दो सत्र में जिन विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी हुई है, उनकी उपाधियां घर पर भेजी जाएंगी या उन्हें कार्यालय आकर लेनी होंगी। इसमें ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थियों के साथ-साथ पीएचडी की उपाधि लेने वाले शोधार्थी भी शामिल होंगे। इस नोटिफिकेशन के निकलते ही अलग-अलग छात्र संगठनों ने इसका विरोध तेज कर दिया है।

ये फैसला छात्र हित के विपरीत

इस मामले में एनएसयूआई रायपुर के जिला अध्यक्ष शांतनु झा ने कुलपति सच्चिदानंद शुक्ला को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के बाद ये पहला दीक्षांत समारोह है, जिसमें मेरिट में आए हुए विद्यार्थियों में दीक्षांत समारोह के अवसर पर उपाधि मिलने का उत्साह था, लेकिन विश्वविद्यालय के 2 सत्रों के स्टूडेंट्स को शामिल नहीं करने का निर्णय गलत है।

इस फैसले से पीएचडी और गोल्ड मेडलिस्ट सैकड़ों छात्रों में निराशा फैल गई है। ये फैसला छात्र हित के विरुद्ध है। शांतनु झा ने कहा कि सभी स्टूडेंट्स को सम्मान पाने का हक है। अगर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 7 दिनों के अंदर सही निर्णय नहीं लिया, तो एनएसयूआई संगठन धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतरेगा।