कोलकाता
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा का जायजा लेने पहुंचे भाजपा के केंद्रीय नेताओं को अपने ही कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ा। भाजपा की 4 सदस्यीय केंद्रीय टीम जब दक्षिण 24 परगना जिले के अम्ताला पहुंची तो वहां पार्टी के ही लोगों ने घेर लिया और विरोध करने लगे। इन लोगों का कहना था कि हमें टीएमसी के लोगों ने बुरी तरह पीटा और घर छोड़कर भागना पड़ गया। इतनी हिंसा के बाद भी पार्टी के नेताओं ने हमारी परवाह नहीं की और कोई हाल पूछने भी नहीं आया। पार्टी सूत्रों ने कहा कि इन लोगों का कहना था कि हमें हिंसा के चलते विस्थापित होना पड़ा है।
इससे पहले सोमवार को भाजपा नेताओं की टीम कूचबिहार गई थी, जहां हिंसा पीड़ित पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। भाजपा ने जिन नेताओं को हालात का जायजा लेने के लिए बंगाल भेजा है, उनमें वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद, बिप्लब देब, राज्यसभा सांसद बृजलाल और कविता पाटीदार शामिल हैं। यह टीम उन पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रही है, जिन्हें हिंसा के चलते बेघर होना पड़ा है। टीएमसी के लोगों पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव के बाद भाजपा के लोगों पर हमला बोल दिया। कूचबिहार, दक्षिण 24 परगना समेत कई जिलों में हिंसा की घटनाएं हुई हैं।
त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब देब ने कहा कि चुनाव के बाद हिंसा करना टीएमसी की आदत पड़ गई है। टीएमसी वाले जितना जल्दी अपना रवैया बदल लेंगे, उनके लिए उतना ही अच्छा होगा। वहीं टीएमसी ने भाजपा के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन पर कहा कि इससे दिखता है कि उनके बीच आपस में ही जंग है। किस तरह भाजपा के कार्यकर्ताओं में असंतोष है। उन्होंने चुनाव बाद हिंसा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये सब बातें गलत हैं। भाजपा तो अपनी नाकामी छिपाने के लिए ऐसे आरोप लगा रही है।