नई दिल्ली
केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन पेनल्टी से जुड़े कई गाइडलाइन जारी किए हैं। RBI ने कहा है कि बैंक, लोन चूक पर लगाए गए पेनल्टी का कैपिटलाइजेशन नहीं कर सकेंगे। इसका मतलब है कि इस शुल्क को अलग से वसूला जाएगा और इसे बकाया मूलधन में जोड़ा नहीं जाएगा। केंद्रीय बैंक के इस कदम से लोन चूक की स्थिति में ग्राहकों पर लगने वाले अतिरिक्त ब्याज को रोकने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय बैंक ने फेयर लेंडिंग प्रैक्टिस- लोन अकाउंट के पैनल चार्ज पर ड्राफ्ट में ग्राहकों के हित के कई अहम प्रस्ताव रखे हैं। RBI के मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत कर्जदाताओं के पास पेनल्टी चार्ज की वसूली के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति को लागू करने की आजादी है। आरबीआई ने अब इन गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने के लिए मसौदा जारी किया है।
RBI के ड्राफ्ट में कहा गया है कि पेनल्टी चार्ज लगाने का मकसद कर्ज लेने वालों के बीच ऋण अनुशासन की भावना पैदा करना और लेंडर्स को उचित मुआवजा दिलाना है। इसमें आगे कहा गया कि पेनल्टी चार्ज, अनुबंधित ब्याज दर के अतिरिक्त कमाई करने का साधन नहीं है।