नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के दौरान विरासत कर जैसा विवादित प्रस्ताव रखने वाले सैम पित्रोदा ने अब ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि ईवीएम की व्यवस्था ठीक नहीं है और पेपर बैलेट सिस्टम से चुनाव कराना ही ठीक है। उन्होंने कहा कि बैलेट की गिनती से हार और जीत का फैसला होना ही सबसे सही व्यवस्था है। सैम पित्रोदा ने एक्स पर लिखा, 'मैंने 60 साल से ज्यादा वक्त तक इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलिकॉम जैसे सेक्टर में काम किया है। मैंने ईवीएम की व्यवस्था का पूरा अध्ययन किया है। मेरा मानना है कि इनसे छेड़छाड़ हो सकती है। सबसे सही रहेगा कि बैलेट पेपर से ही चुनाव हो और उनकी गिनती से ही हार और जीत का फैसला किया जाए।'
इस बीच ईवीएम को मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर हैक किए जाने के आरोपों पर चुनाव आयोग ने भी जवाब दिया है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि ईवीएम एकदम अलग चीज है। यह इलेक्ट्रॉनिक या फिर इंटरनेट जैसी किसी चीज से नहीं जुड़ी है। इसके चलते इसे हैक नहीं किया जा सकता। इसके अलावा जैसा दावा किया जा रहा है कि इसे अनलॉक करने के लिए एक ओटीपी की जरूरत है, वह भी गलत है। इस बीच भाजपा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि उन लोगों के खिलाफ ऐक्शन लिया जाए, जो ईवीएम को बदनाम कर रहे हैं।
बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट से यह विवाद शुरू हुआ था। उसमें दावा किया गया था कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से कैंडिडेट रविंद्र वायकर एक रिश्तेदार ने ईवीएम को मोबाइल से कनेक्ट कर लिया था। यह बात 4 जून की है, जिस दिन इलेक्शन के रिजल्ट आ रहे थे। इस चुनाव में रविंद्र वायकर 48 वोटों के मामूली अंतर से ही जीते हैं। इस तरह ऐसा दिखाने की कोशिश की गई थी कि मोबाइल से हैकिंग करके नतीजे को बदला गया। अब इस मामले ने तूल पकड़ा तो चुनाव आयोग ने सफाई दी है और कहा कि ओटीपी जैसा कोई सिस्टम ईवीएम में नहीं है।